भोपाल : 3 दिन बाद मध्यप्रदेश के मौसम में फिर बदलाव आने वाला है। नए सिस्टम के सक्रिय होने से मानसून के सक्रिय होने के प्रबल संकेत है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बंगाल की खाड़ी में 3 सितंबर को हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है, जो 4 सितंबर को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होते ही प्रदेश में बारिश का दौर शुरू करवा सकता है।इसका असर पूर्वी और पश्चिमी एमपी में ज्यादा देखने को मिलेगा।
4-5 को सक्रिय होगा नया सिस्टम
एमपी मौसम विभाग के मुताबिक, 4 से 5 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में सिस्टम एक्टिव हो रहा है। 6 से 7 सितंबर तक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो सकता है। इससे पूर्वी हिस्से में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। यह सिस्टम 18 से 19 सितंबर तक एक्टिव रह सकता है।आज शनिवार को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में तेज गर्मी पड़ने का अनुमान है। भोपाल .इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन समेत प्रदेश के कई शहरों में गर्मी और उमस भरा मौसम रह सकता है।
18 सितंबर तक जारी रह सकता है बारिश का दौर
एमपी मौसम विभाग के मुताबिक, 4- 5 सितंबर को कहीं कही हल्की बारिश, 7 -8 तारीख को हल्की से तेज बारिश और 8 तारीख से 13 तारीख तक तेज बारिश हो सकती है।वही 14 तारीख से 18 तारीख तक भी गरज चमक के साथ तेज बारिश होने की संभावना है। सितंबर अंत में मानसून की विदाई के संकेत है हालांकि लोकल सिस्टम या फिर नए सिस्टम के प्रभाव से कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी की स्थिति बन सकती है।चार से पांच सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में सक्रिय होने वाले सिस्टम से छह -सात सितंबर तक जबलपुर शहडोल और रीवा सहित आस-पास के क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय हो सकता हैजिससे 18 सितंबर तक बारिश के आसार है।
क्या कहता है मौसम विभाग पूर्वानुमान
- एमपी मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार को उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है, सोमवार से इस मौसम प्रणाली के कम दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है। इसके असर से चार सितंबर से पूर्वी मप्र एवं उससे लगे पश्चिमी मप्र के जिलों में वर्षा का सिलसिला शुरू हो सकता है, जो सितंबर के तीसरे सप्ताह तक बना रह सकता है।
- वर्तमान में पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे लगे बिहार पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी छत्तीसगढ़ पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है, जिससे नमी मिल रही है और अलग-अलग स्थानों पर गरज-चमक के साथ छिटपुट वर्षा होने की संभावना बढ़ गई है।