भोपाल : राजनीति में धर्म की बातें या यूँ कहें कि धार्मिक आधार पर राजनीति करना अब नेताओं का शगल बन गया है, मध्य प्रदेश में भी कर्नाटक की तरह ही भाजपा और कांग्रेस की सियासत के केंद्र में बजरंगबली हैं, पूर्व सीएम कमलनाथ और सीएम शिवराज सिंह चौहान दोनों के दावों के बाद ये तय करना मुश्किल है कि कौन बड़ा हनुमान भक्त है, हालाँकि आज कमलनाथ ने खुद को हनुमान भक्त बताते हुए मप्र के दुए पर आ रहे गृह मंत्री अमित शाह से 4 सवाल किये हैं।
MP में जारी है धर्म आधारित राजनीति
मप्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, भाजपा और कांग्रेस ने अभी जो प्रचार की लाइन पकड़ी है उसमें धर्म एक बहुत बड़ा फेक्टर है , मौका मिलते ही दोनों पार्टियाँ एक दूसरे पर धर्म विरोधी होने का लांछन लगाने पर पीछे नहीं रहती हैं, इन दिनों पार्टियों के बड़े नेताओं का मध्य प्रदेश में दौरे चल रहे हैं तो सवाल पूछने का सिलसिला भी चल रहा है।
प्रदेश में निकल रही भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रायें
भाजपा इस समय प्रदेश में जन आशीर्वाद यात्रायें निकाल रही है, पहली यात्रा को परसों सतना जिले के चित्रकूट से शुरू किया गया कल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नीमच से दूसरी जन आशीर्वाद यात्रा शुरू की और आज श्योपुर और मंडला से तीसरी और चौथी जन आशीर्वाद यात्रा शुरू हो रही है, श्योपुर की यात्रा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे, अंतिम यात्रा खंडवा से शुरू होगी जिसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शुरू करेंगे।
कांग्रेस ने निशाने पर हैं भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रायें
कांग्रेस भाजपा की जन आशीर्वाद यात्राओं को धोखा यात्रा, धिक्कार यात्रा और ना जाने क्या क्या कह रही है, कमलनाथ सहित कांग्रेस के सभी नेता तंज कस रहे हैं कि 18 साल में भाजपा की सरकार ने जनता के लिए जोई काम नहीं किया इसलिए अब जनता के बीच जा रहे हैं, अमित शाह के आज के दौरे पर भी कमलनाथ ने तंज कसा है और खुद को हनुमान भक्त बताते हुए 4 सवाल किये हैं।
कमलनाथ ने बजरंगबली के अपमान पर अमित शाह से किये 4 सवाल
कमलनाथ ने ट्वीट किया – गृहमंत्री अमित शाह जी आज आप मध्य प्रदेश में चुनावी यात्रा के लिए पधार रहे हैं। आज मंगलवार है, भगवान बजरंगबली हनुमान जी का साधना दिवस। मैं आपसे जानना चाहता हूं कि गुजरात के बोटाद जिले में भगवान बजरंगबली की प्रतिमा को खंडित किया गया है। भगवान के विग्रह पर कालिख पोती गई है। यह वही हनुमान मंदिर है जिसका अप्रैल में आपने उद्घाटन किया था।
कमलनाथ ने लिखा- घटना को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक आपने अपने मुंह से एक शब्द नहीं बोला। एक हनुमान भक्त होने के नाते मैं आपसे सवाल पूछता हूँ –
- आखिर वह कौन सा स्वार्थ है, जिसके लिए आप और आपकी पार्टी आस्था के इतने बड़े अपमान पर चुप्पी साधे बैठी है
- जब हनुमान जी के ग़लत चित्रण के कारण विवाद पैदा हो रहा था तो भाजपा सरकार ने समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की?
- क्या हनुमान जी के अपमान के लिए राज्य की भाजपा सरकार ज़िम्मेदार नहीं है?
- पूरे जगत को आशीर्वाद देने वाले बजरंगबली की प्रतिमा की रक्षा करने में नाकाम होने के बाद आप किस मुंह से मध्य प्रदेश की जनता से चुनावी आशीर्वाद मांग रहे हैं?
ट्वीट के अंत में कमलनाथ ने जन आशीर्वाद यात्रा पर निशाना साधते हुए लिखा- इस धर्म विमुख आचरण के कारण मध्य प्रदेश की जनता जन-आशीर्वाद नहीं, जन-धिक्कार का मन बना रही है।