नई दिल्ली : आज राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का एक साल पूरा हुआ है। इसका आरंभ 7 सितंबर, 2022 को कन्याकुमारी से हुआ था। इस यात्रा के दौरान कई मुद्दे चर्चित रहे, लेकिन सबसे ज्यादा मशहूर हुआ राहुल गांधी का ये बयान कि ‘मैं नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने आया हूं।’ वहीं कड़कड़ाती ठंड में लंबे समय तक सादे कपड़ों में चलने के कारण राहुल गांधी की ‘टीशर्ट’ भी खबरों की सुर्खियां बनी रही। अब यात्रा के एक साल पूर्ण होने पर एक बार फिर उन्होने दोहराया है कि नफरत मिटने तक उनकी ये यात्रा जारी रहेगी।
भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य
भारत जोड़ो यात्रा को 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी में राहुल गांधी, तमिल नाडु के मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन द्वारा लॉन्च किया गया। उन्होने कहा कि यात्रा का उद्देश्य बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, राजनीतिक केंद्रीकरण और विशेष रूप से “भय, कट्टरता” की राजनीति और “नफरत” के खिलाफ लड़ना है। 145 दिन चली इस यात्रा ने देश के 12 राज्यों और 2 संघ शासित प्रदेशों से 4081 किलोमीटर का सफ़र तय किया। आज एक साल पूरा होने पर कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘यात्रा ने करोड़ों देशवासियों के मन में एक उम्मीद जगाई और नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोल दी।’
राहुल गांधी ने कहा ‘भारत जुड़ने तक यात्रा जारी’
वहीं राहुल गांधी वे भी आज ट्वीट करते हुए कहा है कि जब तक नफरत जड़ से नहीं मिल जाती, उनकी यात्रा जारी है। उन्होने लिखा है ‘ भारत जोड़ो यात्रा के एकता और मोहब्बत की ओर करोड़ों कदम, देश के बेहतर कल की बुनियाद बने हैं। यात्रा जारी है – नफ़रत मिटने तक, भारत जुड़ने तक। ये वादा है मेरा।’ ये यात्रा नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में मध्य प्रदेश भी पहुंची थी और महू, इंदौर, उज्जैन होते हुए राजस्थान गई थी इसकी पहली सालगरह पर बधाई देते हुए कहा है कि ‘संविधान है तो लोकतंत्र है, लोकतंत्र है तो आज़ादी है, आज़ादी है तो ख़ुशहाली है। भारतीय गणराज्य की इसी आत्मा को बचाने के लिए श्री राहुल गांधी जी ने एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा प्रारंभ की थी। दुनिया के इतिहास की सबसे लंबी पैदल यात्राओं में शामिल इस यात्रा ने भारतीय समाज, संस्कृति और राजनीति को नई दिशा दी है। यात्रा की पहली वर्षगाँठ की बहुत बहुत बधाई।’
नफरत मिटने तक जारी रहे नफरत की मुख़ालिफ़त
अपनी तरह की अनूठी यात्रा के दौरान कई ऐसे दृश्य देखने को मिले, जो भावुक करने वाले थे। कई विवाद भी उठे लेकिन अलग अलग स्थानों पर इसे भारी जनसमर्थन भी मिला। इस यात्रा ने ये बताया कि ‘युवराज’ ‘राजकुमार’ या ‘पप्पू’ पुकारे जाने वाले राहुल गांधी का व्यक्तित्व कितना बहुआयामी है। वे सड़कों पर आम आदमी से बेहद सहजता से मिले और इस दौरान कई सेलिब्रिटीज और नामी हस्तियां भी उनके साथ साथ चली। लोगों में तमाम राजनीतिक मतभेद और वैचारिक भिन्नताएं होना स्वाभाविक है। कही गई बातों पर सवाल उठने भी लाजमी है और इरादों पर शंकाए जगना भी। लेकिन इतना तो तय है कि देश को नफरत से मुक्ति जरुर चाहिए और अगर कोई ये बात कह रहा है तो इस बात की प्रशंसा होनी चाहिए। चाहे भारत जोड़ो यात्रा हो या किसी और पार्टी की कोई और यात्रा, चाहे राहुल गांधी हों या सत्ता पक्ष का कोई नेता..नफरत मिटाने की बात करने वाले हर शख्स को एक सलाम तो बनता है।