भोपाल : जैसे जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है, मध्य प्रदेश में दोनों प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस के एक दूसरे पर हमले तेज होते जा रहे हैं। कमलनाथ ने कहा है कि मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान से सिर्फ जनता ही नहीं, बल्कि उनके अपने नेता और पार्टी भी नाराज है। यही वजह है कि पीएम मोदी ने अब जनसभाओं में उनका नाम लेना बंद कर दिया है और मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर दिया है।
कमलनाथ ने किया ट्वीट
चुनाव से पहले जनता को लुभाने के लिए दिल्ली से बड़े नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। पीएम मोदी पिछले 10 दिन में दो बार और छह महीने में 8 बार मध्य प्रदेश आ चुके हैं। वहीं दो दिन पहले प्रियंका गांधी भी धार पहुंचीं थी। इससे पहले बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई बड़े नेता एमपी आ चुके हैं। बीजेपी जहां इसे अपने पक्ष में बता रही है, वहीं कांग्रेस लगातार कह रही है कि अब उसके पास प्रदेश में ऐसा कोई नेता नहीं बचा जो जनाधार जुटा सके। कमलनाथ ने एक बार फिर ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘मध्य प्रदेश भाजपा में हताशा अपने चरम पर है। पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लेना बंद कर दिया और उन्हें मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर दिया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए पहले तो मुख्यमंत्री ने जनता के बीच यह पूछना शुरू किया कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं और अब सीधे पूछ रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री होना चाहिए या नहीं। पीएम और सीएम की जंग में, भाजपा में जंग होना तय है। जिन्हें टिकट मिला, वह लड़ने को तैयार नहीं है और जो टिकट की रेस से बाहर हैं, वह सबसे लड़ते फिर रहे हैं।’
सीएम शिवराज पर हमला
कमलनाथ लगातार इस बात को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं कि न तो पीएम मोदी अब रैलियों सभाओं में सीएम शिवराज सिंह चौहान का नाम ले रहे हैं, न ही उसके पास लड़वाने के लिए योग्य उम्मीदवार हैं। बीजेपी द्वारा तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित 7 सांसदों और राष्ट्रीय महासचिव को टिकट दिए जाने पर उनका कहना है कि एक तरफ तो बीजेपी युवा नेतृत्व की बात करती है और दूसरी तरफ ऐसे दिग्गजों को टिकट दे रही है जो खुद ही चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। अब फिर उन्होने शिवराज सिंह चौहान के सीएम फेस को लेकर सवाल उठाया है और कहा है कि इनकी रवानगी तय है।