देवउठनी एकादशी पर आज जागेंगे देव, मांगलिक कार्यों की होगी शुरुआत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि…

नई दिल्ली : चार माह से भगवान विष्णु विश्राम कर रहे हैं जो आज यानी गुरुवार को देवउठनी एकादशी पर निद्रा से जाग जाएंगे। भगवान विष्णु के उठने के साथ हर तरफ शहनाई गूंजने लगेगी और मांगलिक कार्यों का आरंभ हो जाएगा। आज के दिन घर में विधि विधान से पूजन अर्चन करने के साथ देव जगाए जाएंगे। चलिए आज हम आपको देवउठनी की पूजन विधि और नवंबर के महीने में आने वाले विवाह मुहूर्त की जानकारी देते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करने के लिए चले जाते हैं। तब से चातुर्मास का आरंभ हो जाता है और इस समय कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। उसके बाद देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को सुख समृद्धि और वैभव का आशीर्वाद मिलता है।

शुभ मुहूर्त

देवउठनी एकादशी की तिथि 22 नवंबर को देर रात 11:03 से शुरू हो गई है और  23 नवंबर को रात्रि 9:01 पर समाप्त होगी। उदया तिथि के मुताबिक 23 नवंबर को देवउठनी का पर्व मनाया जाएगा और लोग इस दिन उपवास रख सकते हैं।

ऐसे करें पूजन

देवउठनी एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त में जागने के बाद श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रणाम करें। अपने दैनिक कार्यों से निवृत होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद आचमन कर व्रत का संकल्प लें। तत्पश्चात सूर्य देव को जल का अर्घ्य देकर पंचोंपचार विधि से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजन अर्चन करें।

पूजन करते समय भगवान को पीले रंग के फूल चढ़ाए। इसके बाद मिठाई, खीर और केले का भोग अर्पित करें। इस समय विष्णु चालीसा का पाठ करें या फिर विष्णु मंत्र का जाप भी किया जा सकता है। पूजा संपन्न होने के बाद भगवान से सुख समृद्धि और धन वृद्धि का आशीर्वाद मांगते हुए आरती करें।

शुभ विवाह मुहूर्त

देवउठनी एकादशी के साथ ही विवाह और मांगलिक कार्यों का दौर शुरू हो जाता है। इस बार भी कई लोग विवाह बंधन में बंधेंगे। नवंबर के महीने में शुभ मुहूर्त की बात करें तो 23, 24, 25, 27, 28 और 29 नवंबर विवाह के लिए शुभ है। वहीं दिसंबर की 5 6, 7, 8, 9, 11 और 15 तारीख को विवाह किया जा सकता है।

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