भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं की खरीदी के लिए पंजीयन शुरू किये जाने की सूचना जारी की है , पंजीयन 5 फरवरी से शुरू होकर 1 मार्च तक होंगे। उम्मीद है कि सरकार 15 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू कर देगी, लेकिन उससे पहले ही सरकार द्वारा घोषित गेहूं के समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति उठाई है और इसे किसानों के साथ धोखा बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री को उनकी पार्टी का वचन पत्र और मोदी की गारंटी याद दिलाते हुए पत्र लिखा है और वादे के मुताबिक समर्थन मूल्य 2700/- रुपये रुपये प्रति क्विंटल किये जाने की मांग की है, आपको बता दें कि सरकार ने अभी 2250/-रुपये प्रति क्विंटल पर समर्थन मूल्य की घोषणा की है ।
पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है और इसकी प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी है। पीसीसी अध्यक्ष ने रबी विपणन वर्ष 2023-24 के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु कृषक पंजीयन का कार्य ई-उपार्जन पोर्टल पर 05 फरवरी से 01 मार्च तक किये जाने और किसान समिति/समूह स्तरीय पंजीयन केंद्र पर उपस्थित होकर भी पंजीयन करवाने की व्यवस्था के लिए सरकार की तारीफ की है।
जीतू पटवारी ने की मोहन यादव सरकार की तारीफ
जीतू पटवारी ने कहा कि पंजीयन केंद्र पर भीड़ से बचने के लिए किसानों को स्वयं के मोबाइल से भी एमपी किसान एप, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत व तहसील सुविधा केंद्र में से किसी भी विकल्प से निःशुल्क अथवा अधिकृत एमपी ऑनलाइन, सीएसससी, लोक सेवा केंद्र व निजी साइबर कैफे के माध्यम से सशुल्क पंजीयन करवाने की सुविधा देने के लिए भी सरकार को धन्यवाद दिया है।
गेहूं का समर्थन मूल्य 2700/- का वादा भूलने पर कसा तंज
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस तारीफ के साथ मुख्यमंत्री और उनकी सरकार से सवाल भी किये, उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि इतनी तमाम तैयारियों के बीच आपकी सरकार यह कैसे भूल गई है कि इस साल से गेहूं का समर्थन मूल्य 2700/- रुपए प्रति क्विंटल देना है, क्योंकि, “मोदी की गारंटी” और भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2700/- रुपए प्रति क्विंटल ही निर्धारित किया गया था।
उन्होंने याद दिलाया कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा के सभी नेताओं ने गांव-गांव जाकर किसानों को इस बात का विश्वास दिलाया था कि भाजपा सरकार बनने के बाद गेहूं उत्पादक किसानों की सुविधाओं और अधिकारों का पूरा ध्यान रखा जाएगा, इसलिए आपकी “डबल इंजन” सरकार पर विश्वास करने वाला किसान अब यह जानने के लिए बहुत उत्सुक है कि घोषित समर्थन मूल्य के निर्देश कब जारी होंगे?
धान खरीदी भी कम समर्थन मूल्य पर किये जाने पर साधा निशाना
जीतू पटवारी ने तंज कसते हुए सवाल पूछा है कि मुख्यमंत्री जी, ऐसा तो नहीं कि आपकी सरकार धान की तरह अब गेहूं उत्पादक किसानों के साथ भी वादाखिलाफी की नीयत बना चुकी है? क्योंकि, मैंने गेहूं की तरह धान की खेती करने वाले किसानों से जुड़े सवालों पर भी आपकी सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था यह भी बताया था कि धान की खरीदी 19 जनवरी से बंद हो गई, किसान इंतजार करते रहे, लेकिन 3100/- रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य नहीं दिया गया जबकि चुनावी घोषणा पत्र में भी भाजपा ने किसानों की इस मांग को “मोदी की गारंटी” का नाम दिया था।
जीतू पटवारी ने लिखा कि 2022-23 में मध्यप्रदेश में लगभग 46 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। इस साल भी प्रदेश में इसी लक्ष्य के साथ धान की खरीदी की गई, लगभग 8 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवाया लेकिन 2183/- रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान बेचने वाले मप्र के लाखों किसान अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि MP में अब “मोदी की गारंटी” का भी कोई मोल नहीं है।
छत्तीसगढ़ की तरह ही धान किसानों की बोनस देने की मांग
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां धान खरीदी के बाद, किसानों को बोनस देना भी शुरू कर दिया है। मेरा पुनः अनुरोध है कि अपने मध्य प्रदेश के किसानों को भी तत्काल बोनस दिया जाए। आपकी जानकारी के लिए मैं यह बताना भी चाहता हूं कि लगभग 46 लाख टन धान खरीदने के बाद यदि 900/- रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरकार किसानों को बोनस देगी, तो करीब 400 करोड़ रुपए की मदद किसानों को मिल सकती है।
उन्होंने पत्र के अंत में लिखा कि मैं यह उम्मीद भी करता हूं आपकी सरकार गेहूं उत्पादक किसानों को इस बात के लिए आश्वस्त कर देगी कि उनकी मेहनत को इस वर्ष 2700/- रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ही सम्मानित किया जाएगा मुझे पूरा विश्वास है आप किसानों की गंभीर स्थिति को देखते हुए सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से विचार करेंगे।