सागर में दलित युवती की संदिग्ध मौत, चाचा-भतीजी की मौत के बाद कांग्रेस ने उठाए सवाल, जीतू पटवारी और कमलनाथ ने सरकार को घेरा…

भोपाल : सागर ज़िले के खुरई अंतर्गत बरोदिया नोनागिर गांव में चाचा-भतीजी की मौत के बाद कांग्रेस प्रदेश सरकार पर हमलावर है। पुरानी रंजिश के चलते राजेंद्र अहिरवार नाम के दलित व्यक्ति के साथ मारपीट की गई और उसकी मौत हो गई। इसके बाद शव को अस्पताल से ले जाते समय संदिग्ध परिस्थितियों में एंबुलेंस से गिरकर मृतक की भतीजी अंजना अहिरवार की भी मौत हो गई। पिछले साल अंजना अहिरवार के भाई नितिन भी भी हत्या कर दी गई थी।

चाचा पर हमला, युवती की एंबुलेंस के गिरकर मौत, जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा

इस मामले को लेकर अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार से सवाल किए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा कि ‘सागर जिले की खुरई विधानसभा के बरोदिया नोनागिर गांव में राजेन्द्र अहिरवार नामक युवक पर राजीनामा करने के दबाव में पांच लोगों द्वारा हमला किया जाता है। गंभीर रूप से घायल राजेन्द्र का उपचार के लिए भोपाल ले जाते समय निधन हो जाता है! 26 मई को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाता है। शव वाहन में ड्राइवर, मृतक की भतीजी अंजना अहिरवार और मृतक के माता-पिता बरोदिया नोनागिर के लिए निकलते हैं। खुरई बायपास पर अंजना शव वाहन से गिर जाती है और उसकी भी मौत हो जाती है।’

‘यहां उल्लेखनीय यह भी है कि अंजना के भाई नितिन अहिरवार की अगस्त 2023 में बरोदिया नोनागिर में ही सरेआम हत्या कर दी थी। उसका परिवार आज भी इंसाफ के लिए भटक रहा है। सीएम मोहन यादव जी, रंजिश और जघन्य हत्या की यह कहानी सिर्फ इसलिए बताई गई, ताकि आपको एहसास हो सके कि प्रदेश की कानून व्यवस्था अराजकता के सारे पड़ाव पार कर चुकी है। क्या मध्य प्रदेश में अब दलित होना गुनाह हो गया है? अदिवासी अत्याचारों में अव्वल आ रहा प्रदेश, क्या दलित उत्पीड़न में भी मिसाल बनना चाहता है? यह संकट अकेले सागर नहीं, प्रदेश के हर जिले का हो गया है! मजाक बन चुकी कानून व्यवस्था अपराधियों के हौसलों को बढ़ावा दे रही है। सरकार भी खामोश है। गृहमंत्री के रूप में सबसे कलंकित कार्यकाल के बावजूद, आप सबक लेने के लिए तैयार नहीं है। न ही बीजेपी सरकार के पास बेलगाम अपराधों को रोकने की कोई योजना है।’

कमलनाथ ने किए सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस मामले पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि ‘मध्यप्रदेश के सागर जिले के ग्राम बरोदिया नोनागिर में दलित युवती अंजना अहिरवार द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत से खिन्न गुंडों ने युवती के भाई नितिन अहिरवार की पिछले वर्ष अगस्त माह में हत्या कर दी थी। हत्या में बीजेपी नेताओं की संलिप्तता सामने आई थी। हत्या के बाद पीड़ित परिवार पर समझौते के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था, पीड़ित परिवार समझौते के लिये तैयार नहीं हुआ तो दो दिन पूर्व पीड़िता के चाचा राजेंद्र अहिरवार की भी हत्या कर दी गई। जब पीड़ित युवती के चाचा का पोस्टमार्टम कराकर शव को वापस ले ज़ाया जा रहा था, तब रास्ते में पीड़िता अंजना अहिरवार संदिग्ध परिस्थितियों में एंबुलेंस से गिर गई और उसकी भी मृत्यु हो गई।’

‘मैं यह सुनकर स्तब्ध हूँ कि किस तरह 9 महीने के भीतर एक दलित बेटी की छेड़छाड़ की शिकायत पर पहले उसके भाई की हत्या, फिर उसके चाचा की हत्या और फिर संदिग्ध परिस्थितियों में उस बेटी की भी मौत हो गई। पीड़िता के भाई की हत्या के बाद प्रशासन ने पीडिता को नौकरी और सुरक्षा समेत कई आश्वासन दिये थे, उनमें से कुछ भी पूरे नहीं किये गये। अंजना को नौकरी नहीं मिली, घर से सुरक्षा हटा दी गई, सीसीटीवी के केबल काट दिये गये। राजीनामा के लिये बार बार दबाव बनाया गया। पीड़ित बेटी ने थाने में शिकायत भी की परन्तु कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्या मध्यप्रदेश में अब दलित होना गुनाह हो गया है ? क्या एक पूरे दलित परिवार को ख़त्म करने वाले बीजेपी संरक्षित आरोपियों को सजा मिलेगी ? क्या मुख्यमंत्री इस परिवार के बचे हुए सदस्यों का जीवित बचना सुरक्षित करेंगे

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