MP : अधिकारियों कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, जून से हटेगा तबादलों से प्रतिबंध, विभागों ने शुरू की तैयारी, बदलेंगे कई कलेक्टर-कमिश्नर-एसपी!

भोपाल : सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के लिए बड़ी खबर है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मध्य प्रदेश में छह माह से लगा तबादलों पर बैन हटने वाला है। खबर है कि प्रदेश सरकार चुनाव के नतीजों के बाद बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने की तैयारी में है। इसके तहत आईएएस, आईपीएस समेत बड़े अधिकारियों के अलावा विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का तबादला किया जा सकता है।

मानसून सत्र से पहले बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी

जानकारी के अनुसार, लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने और आचार संहिता हटने के बाद पिछले छह माह से लगा तबादलों पर लगा प्रतिबंध छह जून 2024 को हट जाएगा।इसके बाद विभाग प्रशासकीय आधार पर तबादले कर सकेंगे। मंत्रालय वल्लभ भवन में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले की तैयारी शुरू हो गई हैं। हालांकि अभी तक मध्य प्रदेश शासन की स्थानांतरण नीति जारी नहीं हुई है लेकिन मानसून सत्र के बाद जारी होने की संभावना है इससे साफ हो जाएगा कि किस आधार पर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के तबादले होंगे। फिलहाल मध्य प्रदेश में आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री समन्वय से अनुमति के बाद ही किसी कर्मचारी का तबादला हो सकता है।

चुनाव के चलते तबादलों पर लगी हुई है रोक

दरअसल, मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही तबादलों पर प्रतिबंध लग गया था। इसके चलते राज्य सरकार चुनाव कार्य में संलग्न 65 हजार बूथ लेवल ऑफिसर, कलेक्टर, कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक समेत कई संवर्गों के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले चुनाव आयोग की अनुमति के बाद नहीं कर सकती थी लेकिन इस अवधि में केवल उन्हीं अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले हुए जो प्रशासकीय दृष्टि से बहुत आवश्यक थे।

जून में हटेगा तबादलों से बैन, विभागों ने शुरू की तैयारियां

  • अब चार जून को मतगणना के बाद तबादलों से बैन हटते ही सरकार ट्रांसफर कर सकेगी। इसके बाद विभाग सीधे मुख्यमंत्री समन्वय प्रस्ताव भेजकर आवश्यकता के अनुसार तबादले कर सकेंगे।इसके लिए सामान्य प्रशासन, लोक निर्माण समेत विभिन्न विभागों ने तैयारियां शुरू कर दी है।
  • खबर है कि चुनाव के बाद तबादले अभी सीमित मात्रा में होंगे क्योंकि सामान्य तौर पर तबादला पर प्रतिबंध तब तक है, जब तक की सरकार तबादलों के लिए नीति घोषित नहीं कर देती है।सुत्रों की मानें तो नई तबादला नीति में गंभीर बीमारी, प्रशासनिक, स्वेच्छा सहित अन्य आधार स्थानांतरण को प्राथमिकता मिलेगी।
  • संभावना है कि जुलाई में होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के बाद तबादलों पर से प्रतिबंध हटाया जा सकता है।  इससे पहले 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद 5 जून या इसके बाद की तारीखों पर कभी भी उच्च अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलो के आदेश जारी हो सकते है।

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