PM मोदी ने सभी नव निर्वाचित सांसदों को दी शुभकामनायें, कहा- आज का दिवस गौरवमय है, ये वैभव का दिन है, इमरजेंसी पर भी कसा तंज…

नई दिल्ली : 18 वीं लोकसभा की आज से शुरुआत हो गई, पहले दिन प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सभी नव निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई, इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया से बात करते हुए आज के इस विशेष दिन को गौरव और वैभव का दिन बताया, पीएम ने कल 25 जून इमरजेंसी का उल्लेख करते हुए इसे लोकतंत्र का काला धब्बा बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव मय है, यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद में यह शपथ हो रही है, अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती थी। आज के इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नव निर्वाचित सांसदों का स्वागत करता हूं सबका अभिनंदन करता हूं और सबको शुभकामनाएं देता हूँ।

उन्होंने कहा- संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों की पूर्ति का है। नए उमंग नए उत्साह के साथ नई गति प्राप्त करने के लिए ये अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। श्रेष्ठ भारत के निर्माण और विकसित भारत का लक्ष्य ये सारे सपने लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है। विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से, बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना, ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया, ये एक रिकॉर्ड है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- अगर हमारे देश के नागरिकों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार पर भरोसा किया है, तो इसका मतलब है कि उन्होंने सरकार की नीतियों और नीयत पर मुहर लगाई है। मैं आप सभी के समर्थन और भरोसे के लिए आभारी हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत ज़रूरी है, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति ज़रूरी है। विकसित भारत के हमारे संकल्प को पूरा करना हम सबका दायित्व है। हम मिलकर उस दायित्व को निभाएंगे और जनता का विश्वास हम और मजबूत करेंगे।

मोदी ने इस अवसर पर इमरजेंसी को याद करते हुए उसपर भी तंज कसा, मोदी ने कहा- कल 25 जून हैं, जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा पर समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी की संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।  इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था।

आपको बात दें कि परंपरा और नियमों के तहत आज सबसे पहले राष्ट्रपति ने भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को  प्रोटेम स्पीकर को शपथ दिलाई, कांग्रेस इसका सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने विरोध जताती रही और हाथ में संविधान की कॉपी लेकर प्रदर्शन करती रही, प्रधानमंत्री ने विरोध पर कहा कि सदन में सामान्य मानव को  डिबेट व विजिलेंस   की अपेक्षा होती है। लोगों को ये अपेक्षा नहीं है कि नखरे होते रहें, ड्रामा होता रहे, डिस्टरबेंस होता रहे। लोग सब्सटेंस चाहते हैं, स्लोगन नहीं। मोदी ने कहा देश को एक अच्छे विपक्ष की आवश्यकता है, जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है और मुझे पक्का विश्वास है कि इस 18 वीं लोकसभा जो सांसद जीतकर आये है वो सामने मानव की इस अपेक्षा को पूरा करने का पूरा प्रयास करेंगे।

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