भोपाल : मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है। कर्मचारियों के वेतन का भुगतान बिना देरी किए 1 से 5 तारीख के बीच कर दिया जाएगा। इस संबंध में राजधानी भोपाल के कलेक्टर आशीष सिंह और धार पीआरओ ने आहरण एवं संवितरण अधिकारी जिला कोषालय भोपाल और धार को निर्देश दिए है कि प्रत्येक माह की एक तारीख को सभी शासकीय सेवकों को वेतन भुगतान किया जाए।
हर महीने की 1 तारीख को किया जाए वेतन का भुगतान
भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आहरण एवं संवितरण अधिकारी जिला कोषालय भोपाल को निर्देश दिए है कि प्रत्येक माह की एक तारीख को सभी शासकीय सेवकों को वेतन भुगतान किया जाए। मध्यप्रदेश कोषालय संहिता 2020 के सहायक नियम 109(3) के अनुसार प्रत्येक कार्यालय के समस्त शासकीय सेवको का वेतन प्रत्येक माह की पांच तारीख के पूर्व किया जाये। विलंब या स्टॉप पेमेंट के संबंध में आहरण संवितरण अधिकारी को पूर्ण औचित्य सहित देयक प्रस्तुत करना होगें।
वेतन में देरी के चलते बनते ही ऐसी स्थिति
दरअसल, अक्सर देखने में आया है कि निर्देशों की अवहेलना की जाकर वेतन नियत समय में कोषालय में प्रस्तुत नही किये जा रहें हैं, जिसके चलते के वेतन में अनावश्यक विलंब की स्थिति निर्मित हो रही है। वही अधिकाशं कार्यालय उनके अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों का मासिक वेतन स्टॉप सैलरी पेंमेंट के माध्यम अथवा विलंब से आहरित करते हैं। किन्तु स्टॉप सैलरी पेमेंट एवं विलंब से भुगतान के संबंध में, उसका कारण एवं सक्षम स्वीकृति संलग्न नही की जाती है, जिससे त्रुटिपूर्ण भुगतान एवं वित्तीय अनियमितता, गबन की स्थिति बन सकती है, ऐसे में कलेक्टर ने निर्देश दिए है कि हर महीने के अंतिम कार्य दिनों के पहले ही सभी प्रकार के वेतन देयक पारित किए जाने के लिए कोषालय में ऑनलाईन प्रेषित करें, ताकी सभी सरकारी कर्मचारियों को सैलरी का समय पर भुगतान हो सके ।
समय पर हो इन कर्मियों के भी वेतन का भुगतान
धार के जिला कोषालय अधिकारी मानसिंह डामर ने बताया कि समस्त नियमित कर्मचारी, दैनिक वेतन भोगी, संविदा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका, कोटवार आदि को प्रत्येक माह की 01 तारीख को वेतन का भुगतान किया जाना है। उन्होंने समस्त आहरण संवितरण अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे माह जून 2024 के वेतन देयक जनरेट कर 26 जून तक कोषालय में ऑनलाईन प्रेषित करावे, ताकि माह की 1 तारीख को समस्त शासकीय सेवकों के वेतन का भुगतान किया जा सके। विलम्ब से वेतन देयक प्रेषित करने पर आहरण एवं संवितरण अधिकारी स्वयं उत्तरदायी रहेंगे।