भोपाल : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के पहले भाषण के कुछ अंश को आपत्तिजनक मानते हुए लोकसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया, राहुल गांधी ने उनके भाषण के अंश हटाये जाने के बाद स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है और उसे फिर जोड़ने की मांग की है। उधर मप्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी आपत्ति जताते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के भाषण के हिस्से हटा देना ना सिर्फ़ अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सीधा हमला है, बल्कि भारत के लोकतंत्र को मूक बना देने की कोशिश भी है।
कमलनाथ बोले-भाषण के हिस्से को हटाना संसदीय मर्यादाओं के अनुरूप नहीं
कमलनाथ ने X पर लिखा – “हमारे नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर परिचर्चा में कल सदन में जो वक़्तव्य दिया, उसके कुछ हिस्सों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया। राहुल गांधी ने स्पीकर को पत्र लिखकर उनके भाषण के हिस्से हटाए जाने पर आपत्ति दर्ज की है। अपने लंबे संसदीय अनुभव के आधार पर मैं भी लोक सभा अध्यक्ष से अनुरोध करता हूँ कि नेता प्रतिपक्ष के वक़्तव्य के हिस्से इस तरह से हटाना संसदीय मर्यादाओं के अनुरूप नहीं है।”
ये अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सीधा हमला है
कमलनाथ ने कहा- “सदन के नेता के पास पर चर्चा के अंत में अपनी बात रखने का पूरा मौक़ा होगा। सत्ता पक्ष के सांसद भी राहुल गांधी की बातों का जवाब दे सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष के भाषण के हिस्से हटा देना ना सिर्फ़ अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सीधा हमला है, बल्कि भारत के लोकतंत्र को मूक बना देने की कोशिश भी है।”
लोकसभा में ये कहा था राहुल गांधी ने
आपको बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता चुने जाने के बाद कल 1 जुलाई को लोकसभा में अपने पहले भाषण में राहुल गांधी ने भगवान शिव, गुरु नानक और ईसा मसीह की तस्वीरें दिखाई , उन्होंने कहा कि ये सभी अभय मुद्रा में है और ये मुझे सिखाते हैं कि डरो मत डराओ मत, लेकिन भाजपा देश में हर किसी को डरा रही है। राहुल ने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए हिंदू समाज पर भी निशाना साधा, राहुल ने कहा जो लोग अपने आप को हिंदू कहते हैं वे 24 घंटे सिर्फ हिंसा… हिंसा… हिंसा, नफरत… नफरत… नफरत , असत्य…असत्य…असत्य की बात करते हैं।