भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र कल शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए अचानक समाप्त घोषित कर दिए जाने के बाद कांग्रेस ने इस पर कड़ा विरोध जताया है, मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि इससे साफ होता है कि ये सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं करती, उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार में डूबी सरकार सवालों से बचना चाहती है, जीतू पटवारी ने बजट को लेकर भी सरकार पर हमला बोला और कहा कि इसमें किये गए प्रावधान करप्शन बढ़ाने के लिए हैं, उन्होंने वित्त मंत्री से इस्तीफा देने की भी मांग की।
सरकार चर्चा से बचना चाहती है
जीतू पटवारी ने कहा कि 20 साल में ये सबसे छोटा बजट सत्र रहा, उद्देश्य क्या था? बजट पर विभागवार चर्चा न हो जो भ्रष्टाचार किया है उसकी सच्चाई जनता के सामने न आये लेकिन कांग्रेस के विधायकों ने, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नर्सिंग घोटाला, नल जल योजना घोटाला उठाया, इसमें हमारे विधायकों ने जिस तरह से आक्रामक रुख अपनाया उसने सरकार का असली चेहरा सामने ला दिया है।
64 प्रतिशत प्रश्नों के उत्तर ही नहीं दिए
उन्होंने कहा कि सवाल ये उठता है कि जब ये सत्र 1 जुलाई से 19 जुलाई तक प्रस्तावित था तो ऐसा क्या विषय हो गया कि आपने बीच में ही सत्र समाप्त कर दिया, उन्होंने कहा कि इस सत्र में 4285 सवाल पूछे गए जिसमें सभी विधायक शामिल थे लेकिन सरकार ने 64 प्रतिशत प्रश्नों के उत्तर ही नहीं दिए यानि 2756 प्रशों के उत्तर नहीं दिए। क्यों सरकार चर्चा ही नहीं कराना चाहती थी।
सरकार संसदीय कार्य व्यवस्था का सम्मान ही नहीं करती
उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुदान मांगों पर चर्चा नहीं की क्योंकि सरकार को चर्चा पर भरोसा ही नहीं था, शून्य काल की सूचनाओं को नजर अंदाज किया, 500 ध्यानाकर्षण की भी अनदेखी की, कुल मिलाकर इस सरकार की मूल भावना ये है कि ये सरकार संसदीय कार्य व्यवस्था का सम्मान ही नहीं करती।
बजट में किये गए प्रावधान भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले, वित्त मंत्री से मांगा इस्तीफा
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आमतौर पर बजट के बाद अख़बारों की हैडिंग होती हैं किसे कितना लाभ कितना नुकसान, कितना लाभ कितनी हानि, लेकिन इस बार क्या हैडिंग बनी, कर्ज से कर्ज चुकाने वाली सरकार , उन्होंने कहा कि इस बजट में जो प्रावधान किये गए हैं वो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ही हैं, जो सरकार पिछले कर्ज का 64 प्रतिशत खर्च नहीं कर पाई वो वृद्धि दिखाकर और कर्ज लेकर जनता को कर्जदार बना रही है, ऐसे वित्तमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिये नहीं तो मुख्यमंत्री की उन्हें हटा देना चाहिए।