RSS में सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध हटने के बाद कांग्रेस हमलावर, बीजेपी का पलटवार, कहा ‘जो तुष्टिकरण से करे प्यार, वो कैसे संघ को कर सकता है स्वीकार’

भोपाल : केंद्र सरकार ने आरएसएस पर की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। इस फ़ैसले का बीजेपी ने स्वागत किया है और कहा है कि 58 साल पहले 1966 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के हिस्सा लेने पर लगाया गया प्रतिबंध असंवैधानिक था और मोदी सरकार ने इसे वापस लेकर एक अच्छा निर्णय लिया है।

वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधा

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी से संबंधित कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा 9 जुलाई को जारी एक कार्यालय ज्ञापन साझा करते हुए सरकार के इस फ़ैसले का विरोध किया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि ‘रमेश ने आरएसएस की खाकी शॉर्ट्स की वर्दी की ओर इशारा करते हुए कहा, टमुझे लगता है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है’। इसे लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा है कि ‘कोई भी सियासत करे लेकिन ये देश के लिए स्वागतयोग्य कदम है। कांग्रेस हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है। आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है। जिसने इस देश के लिए हमेशा त्याग और बलिदान किया। कांग्रेस के लोग हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है और इनकी बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है।’

आशीष अग्रवाल ने कहा ‘कांग्रेसियों की पीड़ा राष्ट्रवादी विचारधारा से है’

वही बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि ‘कांग्रेसियों की पीड़ा आरएसएस से नहीं, अपितु राष्ट्रवादी विचारधारा से है। तुष्टिकरण प्रेमी कांग्रेस विश्व के सबसे बड़े सामाजिक सांस्कृतिक संगठन को कैसे स्वीकार सकती है। आरएसएस, लोगों में संकल्पित भारत के प्रति विश्वास जगाती है, कांग्रेस आज भी अंग्रेजों की ‘फूट डालो राज करो’ की नीति के बल पर आगे बढ़ना चाहती है। आरएसएस, देश की अखंडता और स्वाभिमान की रक्षा कर राष्ट्रनिर्माण के लिए संकल्पित है, कांग्रेस राष्ट्रविरोधी व सनातनविरोधी ताकतों का साथ देकर उसे मजबूत बनाने की ना-पाक कोशिशें करती है। आरएसएस सशक्त, समर्थ, सक्षम भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाती है। वहीं कांग्रेस परिवारवाद, भ्रष्टाचार और अलगाववादियों से प्रेम जताती है। आरएसएस, देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर देती है, वहीं कांग्रेस सेना सुरक्षा और शौर्य पर सवाल खड़ा कर देश को खोखला बनाती है इसलिये जयराम रमेश जी आपका आरएसएस से बैर रखना स्वाभाविक है।जो तुष्टिकरण से करे प्यार, वो कैसे संघ को कर सकता है स्वीकार?’

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