कांग्रेस ने मोदी सरकार के बजट को बताया निराशाजनक, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा “ये देश की तरक्की का बजट नहीं, ‘मोदी सरकार बचाओ’ बजट है”

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 2024-25 का बजट पेश किया। कांग्रेस ने इस बजट को निराशाजनक बताया है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये अपना सिंहासन बचाने के लिए ये बजट लाया गया है और किसानों के लिए जो अपेक्षा की गई थी, उसका कोई उल्लेख नहीं है।

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मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ‘कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का “नकलची बजट”। मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी “रेवड़ियां” बाँट रहा है, ताकि NDA बची रहे। ये “देश की तरक्की” का बजट नहीं, “मोदी सरकार बचाओ” बजट है।’

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उन्होंने कहा कि ’10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुईं हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं। किसानों को लिए केवल सतही बातें हुईं हैं, डेढ़ गुना MSP और आय दोगुना करना – सब चुनावी धोखेबाज़ी निकली। ग्रामीण वेतन को बढ़ाने का इस सरकार का कोई इरादा नहीं है। दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक, माध्यम वर्ग और गाँव-ग़रीब लोगों के लिए कोई भी क्रांतिकारी योजना नहीं है, जैसी कांग्रेस-UPA ने लागू करी थी। “ग़रीब” शब्द केवल स्वयं की branding करने का ज़रिया बन गया है, ठोस कुछ भी नहीं है। महिलाओं के लिए इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे उनकी आर्थिक क्षमता बढ़े और वो workforce में अधिक से अधिक शामिल हों। उल्टा महँगाई पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, जनता की गाढ़ी कमाई लूट कर वो पूंजीपति मित्रों में बाँट रही है।’

‘सभी के साथ बीजेपी सरकार ने धोखा किया‘

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ‘कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, जन-कल्याण और आदिवासियों पर बजट में आवंटन से कम खर्च किया है क्योंकि ये भाजपा की प्राथमिकताएँ नहीं हैं। इसी तरह Capital Expenditure पर 1 लाख करोड़ कम खर्च किया है, तो फिर नौकरियाँ कहाँ से बढ़ेंगी? शहरी विकास, ग्रामीण विकास, Infrastructure, Manufacturing, MSME, Investment, EV योजना – सब पर केवल Document, Policy, Vision, Review आदि की बात की गई है, पर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। आये दिन रेल हादसे हो रहें हैं, ट्रेनों को बंद किया गया है, कोच की संख्या घटी है, आम यात्री परेशान हैं, पर बजट में रेलवे के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, कोई जवाबदेही नहीं है। Census व जातिगत जनगणना पर भी कुछ नहीं बोला गया है, जबकि ये पाँचवा बजट है जो बिना Census के प्रस्तुत किया जा रहा है! ये हैरान कर देने वाली अप्रत्याशित नाकामी है – जो लोकतंत्र और संविधान के ख़िलाफ़ है। 20 मई 2024, यानि चुनाव के दौरान ही, मोदी जी ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि “100 दिनों का Action Plan हमारे पास पहले से ही है”…जब Action Plan, दो महीने पहले था, तो कम से कम बजट में ही बता देते। बजट में न कोई Plan है, और भाजपा केवल जनता से धोखेबाज़ी करने के Action में व्यस्त है।’

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