नई दिल्ली : केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने को लेकर कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है।18 महीने के बकाया डीए एरियर के बाद अब केन्द्र की मोदी सरकार ने संसद में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के बदले पुरानी पेंशन योजना स्वीकार करने की समय सीमा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
केन्द्रीय मंत्री ने संसद में दिया ये जवाब
- दरअसल, लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए NPS के बदले OPS) स्वीकार करने की समय सीमा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए NPS की शुरुआत 2003 में की गई थी, एक जनवरी, 2004 से केंद्र सरकार की सेवा में (सशस्त्र बलों को छोड़कर) सभी नयी भर्तियों के लिए NPS अनिवार्य है।
- केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि न्यायालय के निर्णयों के अनुसरण में पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 3 मार्च 2023 को निर्देश जारी किए थे, जिसमें केंद्र सरकार के उन असैन्य कर्मचारी को केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 (अब 2021) के अंतर्गत शामिल होने के लिए एकल विकल्प दिया गया था, जिन्हें दिसंबर, 2003 को NPS की अधिसूचना से पहले भर्ती/नियुक्ति के लिए अधिसूचित पद या रिक्ति पर नियुक्त किया गया।
- केंद्रीय कर्मचारियों को विकल्प चुनने के लिए 31 अगस्त, 2023 तक का समय दिया गया है।नियुक्ति करने वाले अधिकारियों के लिए भी विकल्पों की जांच और फैसले लेने की समय सीमा नवंबर 2023 थी।मार्च 2023 को नियमों के संबंध में आगे किसी तरह सूचना जारी करने का कोई भी प्रस्ताव नहीं है।NPS की OPS का चुनाव करने की समय सीमा को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
बीते दिनों कर्मचारी संघ ने की थी ये मांग
बता दें कि बीते दिनों अखिल भारतीय NPS कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल ने मोदी सरकार से पात्र कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए तारीख बढ़ाने की मांग की थी । उन्होंने कहा कि बहुत सारे एनपीएस कर्मचारी अभी भी इस लाभ से वंचित हैं और समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं,ऐसे में हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि बचे हुए एलिजिबल कर्मचारियों को लाभ देने के लिए तारीख बढ़ाई जाए।