भोपाल : उमरिया के स्थानीय व्यापारियों ने वहां लगने वाले कलकत्ता बाजार का विरोध किया और बांग्लादेशी वापस जाओ के नारे लगाते हुए कलकत्ता से आये व्यापारियों का विरोध किया, नगर पालिका के सामने व्यापारी धरने पर बैठ गए, नगर पालिका ने कलकत्ता से आये व्यापारियों को एक चालू सड़क पर टेंट लगाकर व्यापार करने की अनुमति दे दी जिसका विरोध हो रहा है व्यापारियों ने ज्ञापन देकर कलकत्ता बाजार की अनुमति निरस्त करने की मांग की।
बांग्लादेशी वापस जाओ के नारे लगाये, स्थानीय व्यापारी धरने पर बैठे
उमरिया नगर पालिका के सामने आज स्थानीय व्यापारियों ने प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए, वो हर साल सावन के महीने में लगने वाले कलकत्ता बाजार का विरोध कर रहे थे, व्यापारियों का कहना था कि ये लोग कुछ दिनों के लिए उमरिया में आते हैं और छोटे छोटे व्यापारियों का हक़ मारकर पैसा कमाकर ले जाते हैं, ये गलत है, व्यापारियों ने बांग्लादेशी वापस जाओ के नारे लगाकर अपना आक्रोश जताया।
व्यापारी संगठन बोले, उमरिया का पैसा कोलकाता जा रहा है, हम ऐसा नहीं होने देंगे
उमरिया के व्यापारी संगठन भी स्थानीय व्यापारियों में समर्थन में आ गए कैट के सचिव राहुल अग्निहोत्री का कहना था कि कलकत्ता बाजार लगने से स्थानीय व्यापार प्रभावित हो रहा है, ये व्यापारी कपड़ा लेकर आते हैं और अच्छी कमाई कर यहाँ का पैसा कलकत्ता ले जाते हैं यानि उमरिया का पैसा ये व्यापारी अपने यहाँ ले जाते हैं जिससे यहाँ का आर्थिक विकास भी प्रभावित होता है।
कोलकाता से आये व्यापारी बोले , हम 30-35 साल से आ रहे हैं हमारा विरोध क्यों
उधर कोलकाता से आये कपड़ा व्यापारियों में से एक मुख़्तार अंसारी का कहना था कि हम 30-35 सालों से यहाँ आकर व्यापार कर रहे हैं , हर साल ये होता है, अब हमें बांग्लादेशी कहकर नारे लगाये जा रहे हैं ये गलत है, हम भी भारत के निवासी हैं हमारे पास आईडी है सबकुछ है, कुछ लोग हर साल ये करते हैं, हमें अनुमति दी फिर निरस्त कर दी ये गलत है।
नगर पालिका ने चालू सड़क पर दे दी कलकत्ता बाजार लगाने की अनुमति
वहीं मुख्य नगर पालिका अधिकारी किशन सिंह ठाकुर का कहना है कि हमने जिस सडक पर कलकत्ता बाजार लगाने की अनुमति दी थी उसे निरस्त कर दिया है , अब इनके लिए नई जगह की तलाश की जा रही है, चालू सड़क पर बाजार लगाने की अनुमति दिए जाने के सवाल पर सीएमओ ने कहा कि उस सड़क पर यातायात बहुत कम रहता है औ रवो नगरीय सीमा के पास है इससे उमरिया के लोगों को आसानी होगी इसलिए अनुमति दी थी।