जीतू पटवारी ने PM मोदी को लिखा पत्र, इस मामले में महाराष्ट्र और MP के CM को तलब करने की मांग…

भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार (16 अगस्त) को प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा है. जीतू पटवारी ने इस पत्र में आदिवासी क्षेत्र के बच्चों को महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बेचे जाने का जिक्र किया है. साथ ही पीएम मोदी से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. 

जीतू पटवारी ने अपने पत्र में लिखा, “महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के कांचनवाड़ी क्षेत्र में बच्चे बिकाऊ हैं. कीमत भी केवल 25 हजार रुपये. ये सभी बच्चे मप्र के खंडवा जिले से मजदूरी करने महाराष्ट्र गए आदिवासी परिवारों के हैं. ज्यादा पैसे के लिए खंडवा के मूंदी क्षेत्र के 11 गांवों के आदिवासी परिवार सहित महाराष्ट्र और गुजरात का रुख कर तो रहे हैं, लेकिन तंगहाली ऐसी है कि इन्हें अपने बच्चे तक बेचने पड़ रहे हैं.”

जीतू पटवारी ने किया बड़ा दावा
कांग्रेस नेता ने पत्र में आगे लिखा, “महाराष्ट्र में कन्स्ट्रक्शन साइट्स पर मध्य प्रदेश के आदिवासी मजदूर गरीबी और तंगहाली में अपने बच्चों का सौदा कर रहे हैं. काम न मिलने पर कई मजदूर परिवार भीख मांगकर गुजर-बसर कर रहे हैं. इन परिवारों ने बच्चों के सौदे को परंपरा का नाम दे रखा है. बातचीत में ये बच्चा खरीदने-बेचने जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते, लेकिन कहते हैं, किसी को बच्चा चाहिए तो हमारे पास है.”

जीतू पटवारी ने लिखा, “इस प्रमाणिक खुलासे से एक बार फिर साबित हो गया है कि मध्य प्रदेश का दलित और आदिवासी समुदाय गरीब पीड़ित और शोषित है. भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सरकारी योजनाओं का लाभ भी उसे नहीं मिल रहा है. गरीबों को निशुल्क राशन की व्यवस्था भी सबूत के साथ सामने आए इस खुलासे से संदेह में आ गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सामने आया यह सनसनीखेज सच मध्य प्रदेश के साथ महाराष्ट्र सरकार की नीति, नियम और नीयत पर भी गंभीर सवाल उठा रहा है.”

PM एमपी-महाराष्ट्र के सीएम को करें तलब- जीतू पटवारी
एमपी कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, “करोड़ों का कर्ज लेकर मध्य प्रदेश सरकार केवल अपनी लग्जरी पर खर्च कर रही है और बचा हुआ पैसा भ्रष्टाचार की योजनाओं में भ्रष्ट तंत्र की तिजोरी भर रही है. चिंताजनक पहलू यह भी है कि लाल किले की प्राचीर से जब आप बीजेपी सरकार की कथित उपलब्धियों का बखान कर रहे थे, ठीक तभी गरीबी में गर्त तक डूबे परिवार अपनी सरकारी उपेक्षा का उत्तर मांग रहे थे. केंद्र सरकार मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तत्काल तलब करें और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें.” 

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