‘Emergency’ के सर्टिफिकेट को लेकर फैल रही खबरों को कंगना ने बताया अफवाह, जबलपुर में भी सिख संगत ने फिल्म को लेकर जताया विरोध…

भोपाल : कंगना रनौत की आगामी फिल्म ‘Emergency’ को सर्टिफिकेशन मिल जाने की खबरों के बीच अब कंगना रनौत ने एक वीडियो पोस्ट कर इसे अफवाह बताया है। दरअसल कंगना ने कहा है कि उनकी फिल्म को सेंसर से सर्टिफिकेट नहीं मिला है। बता दें कि कंगना की फिल्म को लेकर कुछ लोगों में इसके लिए उत्सुकता और कुछ में इसे लेकर नाराजगी देखी जा रही है।

हालांकि फिलहाल फिल्म विवादों में घिरी हुई है। जानकारी दे दें कि यह फिल्म 1975 में देश में लागू की गई आपातकाल पर आधारित है, और कंगना रनौत इसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं।

रिलीज की तारीख पास आने लगी

दरअसल फिल्म की शूटिंग से लेकर पोस्ट-प्रोडक्शन तक, कंगना ने हर जगह व्यक्तिगत रूप से इस फिल्म पर निगरानी रखी है, जिससे यह फिल्म उनके करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्म बताई जा रही है। लेकिन, जैसे-जैसे फिल्म की रिलीज की तारीख पास आने लगी है, वैसे ही अब फिल्म को लेकर विवाद भी बढ़ता जा रहा हैं। वहीं अब कंगना की इस फिल्म के सर्टिफिकेशन पर भी रोक लगा दी गई है।

जानिए कंगना ने क्या कहा?

दरअसल कंगना ने कहा है, कि उनकी फिल्म ‘Emergency’ को सेंसर बोर्ड से मंजूरी तो मिल गई थी, लेकिन अब सर्टिफिकेशन को रोक दिया गया है। उन्होंने कहा, “हमारी फिल्म को हरी झंडी मिल गई थी, लेकिन अब इसे रोका जा रहा है क्योंकि सेंसर बोर्ड को धमकियां मिल रही हैं। हम पर दबाव डाला जा रहा है कि हम इंदिरा गांधी की मौत, जरनैल सिंह भिंडरावाले, और पंजाब दंगों के दृश्यों को न दिखाएं। लेकिन फिर हम क्या दिखाएं? मुझे माफ करें, लेकिन यह स्थिति और इस समय पर विश्वास करना मेरे लिए मुश्किल हो रहा है।”

मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी सिख संगत ने किया विरोध

वहीं कंगना की फिल्म ‘Emergency’ के खिलाफ देशभर में विरोध के स्वर बढ़ते जा रहे हैं। अब मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी सिख संगत ने अपना विरोध दर्ज कराया है। दरअसल सिख समुदाय के सदस्यों ने फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर अपनी नाराज़गी जताई है और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी है कि अगर फिल्म रिलीज़ होती है, तो इसे लेकर कड़ा विरोध किया जाएगा। विरोध के दौरान, सिख समुदाय के लोग काले कपड़े पहनकर सड़कों पर उतरे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों को ज़ोरदार तरीके से रखा।

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