भोपाल : फ़ैन..प्रशंसक, इनके बारे में तो आपने सुना ही होगा। अक्सर हम फ़ैन शब्द को सेलिब्रिटी या अभिनेता-अभिनेत्री तक सीमित कर देते हैं क्योंकि इनके प्रति जो दीवानगी होती है, वो बड़ी तादाद में नज़र आती है। लेकिन फ़ैन सिर्फ़ इनके ही नहीं होते..नेताओं, कलाकारों, साहित्यकारों के साथ ही किसी विशेष व्यक्ति, टीम या विचारधारा के प्रशंसक भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण मध्य प्रदेश की राजनीति में देखने को मिला है।
एक शख़्स ने अपने सीने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिघांर का टैटू बनवा लिया है। कोई साधारण टैटू नहीं बल्कि उमंग सिंघार के चेहरे की प्रतिलिपि ही उतरवा ली है। इसके बाद अब कांग्रेस नेता ने इस व्यक्ति का आभार जताते हुए कहा है कि वो हमेशा इस प्रेम को अपने मन में संजोकर रखेंगे।
इस व्यक्ति ने बनवाया कांग्रेस नेता का टैटू
ये व्यक्ति हैं कृष्ण पवाँर एडवोकेट जिन्होंने अपने सीने पर उमंग सिंघार का टैटू बनवाया है। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर दी और लिखा है कि ‘मोदी जी, राहुल जी, अभिनेता सब के करोड़ों चाहने वाले हे पर मैंने जिस तरह उमंग सिंघार जी को अपना गुरु माना है वैसा इस दुनिया मे शायद कोई ऐसे साबित कर पाए। उमंग भैया में जब तक जिंदा हूं ये टैटू आप को याद दिलाएगा कि एक कार्यकर्ता आपका मुझ जैसा भी था।’
उमंग सिंघार ने धन्यवाद दिया
इस ट्वीट को साझा करते हुए उमंग सिंघार ने अपने इस ख़ास फ़ैन को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि ‘इस स्नेह के लिए दिल से धन्यवाद !! आपने मेरा टेटू बनवाया ये मेरे प्रति आपकी सच्ची आत्मीयता का प्रमाण है। आपने अपने दिल पर मेरा फोटो बनवाकर ये जुड़ाव साबित किया। पर, यह देखकर आप भी मेरे दिल की गहराइयों तक पहुंच गए है! यह स्नेह मेरे और कांग्रेस दोनों के साथ हमेशा बनाए रखिए।’
राजनेताओं के फ़ैन्स-प्रशंसकों की बात करें तो दक्षिण भारत में इनके प्रति लोगों की आस्था एक अलग ही स्तर पर देखी जाती है। यहाँ की राजनीति में नेताओं के प्रति जो दीवानगी और श्रद्धा देखने को मिलती है, वह अनूठी है। इस दीवानगी का सबसे अनोखा पहलू यह है कि कई नेताओं के लिए बाकायदा मंदिर बनाए गए हैं, जहाँ उन्हें देवी-देवताओं की तरह पूजा जाता है। वहीं देश दुनिया में लोग अलग अलग तरह से अपने पसंदीदा शख़्स के प्रति अपनी दीवानगी का इज़हार करते हैं। बहरहाल, उमंग सिंघार के चेहरे का टैटू अपने सीने पर गुदवाने वाले कृष्ण पवाँर ने भी इस पंक्ति में अपना नाम लिख दिया है और उनके लिए इससे बड़ी ख़ुशी क्या होगी कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष का स्नेह भरा प्रत्युत्तर भी मिल गया है।