नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अमेरिका में आरक्षण को लेकर दिए गए बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘देशविरोधी बातें करना और देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होना राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी की आदत सी बन गई है।’ इसी के साथ उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा है, आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी और देश की एकता के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।
दरअसल, राहुल गांधी ने कहा था कि “जब भारत एक निष्पक्ष देश होगा, तब हम आरक्षण समाप्त करने के बारे में सोचेंगे।” इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया। हालांकि, अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि “किसी ने मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया है। मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूँ। हम आरक्षण को 50% की सीमा से आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।”
अमित शाह ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी को आरक्षण पर दिए बयान पर घेरा है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि ‘देशविरोधी बातें करना और देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होना राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी की आदत सी बन गई है। चाहे जम्मू-कश्मीर में JKNC के देशविरोधी और आरक्षण विरोधी एजेंडे का समर्थन करना हो, या फिर विदेशी मंचों पर भारत विरोधी बातें करनी हो, राहुल गाँधी ने देश की सुरक्षा और भावना को हमेशा आहत किया है। भाषा से भाषा, क्षेत्र से क्षेत्र और धर्म से धर्म में भेदभाव लाने की बात करना राहुल गाँधी की विभाजनकारी सोच को दर्शाता है।राहुल गाँधी ने देश से आरक्षण को समाप्त करने की बात कह कर कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा एक बार फिर से देश के सामने लाने का काम किया है। मन में पड़े विचार और सोच किसी न किसी माध्यम से बाहर आ ही जाते हैं। मैं राहुल गाँधी को बताना चाहता हूँ कि जब तक भाजपा है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता और देश की एकता के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता।’
‘आरक्षण’ पर राजनीति गरमाई
इस तरह भाजपा ने इस मुद्दे पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है और अमित शाह ने राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोलते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जब तक भाजपा सत्ता में है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता और देश की एकता से कोई खिलवाड़ नहीं हो सकता है। फ़िलहाल इस मुद्दे पर राजनीति गरमाई हुई है। आरक्षण को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच यह टकराव आने वाले समय में और बढ़ सकता है, खासकर तब जब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और आरक्षण एक अहम मुद्दा बनता जा रहा है।