ग्वालियर : वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर छिड़ी बहस के बीच आज ग्वालियर में राष्ट्रोत्थान न्यास भवन में RSS के प्रचार विभाग द्वारा आयोजित स्वयं सेवक पत्रकार मासिक मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं भारत फर्स्ट संगठन के राष्ट्रीय संयोजक शीराज़ कुरैशी ने कहा कि मुस्लिम कानून की किताबों के मुताबिक वाक़िफ़ यानि मालिक की अनुमति के बिना वक़्फ़ बोर्ड कोई संपत्ति को अपनी घोषित नहीं कर सकता, उन्होंने कहा कि वे 20 सितंबर को दिल्ली में जेपीसी के सामने संगठन की तरफ से पक्ष रखने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संशोधन बिल का समर्थन करने पर उन्हें धमकियाँ मिल रही हैं लेकिन वे चंबल से आते हैं और ये धरती राष्ट्रभक्तों की धरती है जो किसी से नहीं डरते।
मुस्लिम कानून की किताबों और असली हदीस के विपरीत काम कर रहा है वक्फ़ बोर्ड
एडवोकेट शीराज़ कुरैशी ने कहा कि बिना संपत्ति के मालिक की सहमति के उसकी संपत्ति को अपनी घोषित करना पूरी तरह गलत है, भारत में ऐसे कई मामले सामने आये हैं जहाँ वक़्फ़ बोर्ड मनमाने तरीके से किसी भी संपत्ति पर अपना अधिकार बताकर उसे बोर्ड संपत्ति घोषित कर देता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम कानून की किताबों के प्रसिद्ध लेखक मुल्ला द्वारा लिखी गई किताबों के मुताबिक वक़्फ़ बोर्ड वाक़िफ़ यानि संपत्ति मालिक की मर्जी के बिना उसे अपनी संपत्ति घोषित नहीं कर सकता। जिससे ये सिद्ध होता है वर्तमान में प्रचलित वक़्फ़ बोर्ड के प्रावधान असली हदीस के बिलकुल विपरीत है, इसलिए इसमें संशोधन की बहुत जरूरत है।
जिन्होंने संपत्तियों पर कब्ज़ा जमा रखा है वे मुसलमानों के बीच में झूठ फैला रहे
एडवोकेट कुरैशी ने कहा कि उन जैसे तमाम राष्ट्रवादी मुसलमान संशोधन बिल के साथ हैं लेकिन जिन लोगों ने संपत्तियों पर कब्जा जमा रखा है वे मुसलमानों के बीच झूठ फैला रहे हैं कि उनकी मस्जिदें गिरा दी जायेंगी, मदरसे छीन लिए जायेंगे ऐसा कुछ भी संशोधन में नहीं है। ऐसे लोग करोड़ों रुपये की कमाई कर मुस्लिम समाज को बरगला रहे हैं।
20 सितम्बर को जेपीसी में रखेंगे पक्ष
शीराज़ कुरैशी ने बताया कि वे 20 सितंबर को इस मामले में गठित जेपीसी के सामने भारत फर्स्ट संगठन की तरफ से अपना पक्ष रखने जायेंगे। उल्लेखनीय है कि भारत फर्स्ट संगठन में बड़ी संख्या में राष्ट्रवादी मुस्लिम जुड़े हैं और वक़्फ़ संशोधन बिल 2024 का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संशोधन बिल 2024 भारत में लाना बहुत जरूरी है, क्योंकि वर्तमान वक्फ़ अधिनियम 1995 में दिए गए प्रावधान वक्फ़ जायदाद को सुरक्षित रखने में नाकाफी हैं। साथ ही वर्तमान अधिनियम 1995 से वक्फ़ बोर्ड को असीमित शक्तियां प्राप्त हैं जिसके द्वारा वह किसी भी संपत्ति को वक्फ़ की संपत्ति घोषित कर देता है जो गलत है।
बिल का समर्थन करने पर मिल रही धमकियाँ
एडवोकेट शीराज़ कुरैशी ने बताया कि उन्हें बिल का समर्थन करने के लिए बहुत लोगों से धमकियाँ मिल रही है जिसमें कई कट्टरवादी मुस्लिम संगठन से जुड़े लोग भी शामिल हैं लेकिन मैं चंबल का शेर हूँ ये धरती राष्ट्रभक्तों की है इसलिए देश से प्रेम करने वाले किसी से डरते नहीं हैं।