भोपाल : मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार होने जा रहा है, प्रदेश में जल्दी ही 5 नए शासकीय आयुर्वेद वोलेज और 2 नए 50 बिस्तरीय आयुष अस्पताल खोले जायेंगे, केंद्र की मोदी सरकार ने इसके लिए स्वीकृति दे दी है और 350 रुपये की राशि भी मंजूर कर दी है। प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने इसके लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया है।
मध्य प्रदेश की सरकार एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के साथ साथ हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को भी बढ़ावा दे रही है, केंद्र सरकार की पहल के बाद मध्य प्रदेश में आयुर्वेद के क्षेत्र में बहुत तरक्की हो रही है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश में जल्दी ही 5 नए आयुर्वेद कॉलेज और 2 नए 50 बिस्तरीय आयुष अस्पताल स्थापित होने वाले हैं इसके लिए भारत सरकार ने स्वीकृति दे दी है।
इन पांच जिलों में खुलेंगे नए आयुर्वेद कॉलेज
राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत प्रदेश में 5 नवीन शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं 2 नवीन 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों की स्थापना स्वीकृति केंद्र की मोदी सरकार ने दी है, जल्दी ही सागर, शहडोल, बालाघाट, नर्मदापुरम एवं मुरैना जिले में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की स्थापना होगी, इससे प्रदेश के समस्त संभागों में अब शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय स्थापित हो जाएंगे। आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने बताया कि प्रदेश को कुल 350 करोड़ रुपए की राशि नए शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों की स्थापना के लिए स्वीकृत की गई है।
आयुष मंत्री परमार ने मोदी सरकार को दिया धन्यवाद
मध्य प्रदेश में नए आयुर्वेद कॉलेज और आयुष अस्पताल की स्थापना की स्वीकृति देने के लिए प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया है। मंत्री परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार, नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
आयुर्वेद को मिलेगा बढ़ावा, मरीजों को होगा लाभ
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में स्वस्थ, समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश आकार ले रहा है। हमारा लक्ष्य जन अकांक्षाओ की पूर्ति और प्रदेश की सर्वांगीण प्रगति है। परमार ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में नवीन शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं आयुष चिकित्सालय बनने से आयुष चिकित्सा अध्ययन एवं आयुष स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अध्ययन के लिए विद्यार्थियों को सुलभता होगी और नागरिकों को भी गुणवत्तापूर्ण आयुष चिकित्सा आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
जनजातीय क्षेत्र में प्राप्त होने वाली औषधीय वनस्पतियों के शोध में मिलेगी सहायता
आयुष मंत्री परमार ने बताया कि औषधीय वनस्पतियों से भरपूर जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र बालाघाट में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की स्थापना होने से छात्र-छात्राओं को सुगम रूप से अध्ययन, शोध एवं गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेद चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सकेगी। जनजातीय क्षेत्र में प्राप्त होने वाली औषधीय वनस्पतियों के शोध एवं क्षेत्र में प्रचलित प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी शोध और अनुसंधान के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में इन जिलों के आयुष चिकित्सालयों के उन्नयन के लिए चिकित्सालय भवन का निर्माण किया जाएगा।
शुजालपुर और श्योपुर में खुलेंगे आयुष चिकित्सालय
आयुष मंत्री परमार ने बताया कि आयुष चिकित्सा सुविधा जन-जन तक पहुंचाने एवं औषधीय वनस्पति की खेती को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से कृषकों एवं मण्डी के लिए प्रसिद्ध शुजालपुर एवं PVTG (विशेष पिछड़ी जनजाति समूह) जनजातीय क्षेत्र श्योपुर में 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों की स्थापना के लिए राशि स्वीकृत की गई है। इसमें प्रत्येक आयुष चिकित्सालय की स्थापना के लिए लगभग 15 करोड़ रुपए की राशि की स्वीकृति मिली है।