भोपाल : मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों ,शिक्षकों, अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। कर्मचारियों की मांग को देखते हुए मोहन यादव सरकार अक्टूबर में तबादला नीति घोषित कर सकती है। सुत्रों की मानें तो अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में 10 से 15 दिन के लिए तबादला से बैन हटाया जा सकता है।चर्चा तो ये भी है कि बैन हटते ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की जा सकती है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में 2022 से तबादलों पर रोक लगी हुई है और लंबे समय से मंत्री, विधायक और कर्मचारी तबादलों से बैन हटाने की मांग कर रहे है।संभावना जताई है कि मोहन सरकार जल्द इस मांग को पूरा करते हुए अक्टूबर महीने में नई तबादला नीति घोषित कर सकती है। सुत्रों की मानें तो नई तबादला नीति का प्रस्ताव तैयार हो गया है, इसे कैबिनेट में प्रस्तुत करने की तैयारी है।
नई तबादला नीति में इन बातों पर रहेगा जोर
- खबर है कि नई तबादला नीति में प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर ही ट्रांसफर किया जाएगा।इसके लिए सरकार के प्राथमिकता वाले जिलों का प्रभार वरिष्ठ मंत्रियों को दिया गया है।
- एक निश्चित अवधि में प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादले होंगे, लेकिन किसी भी संवर्ग में 20% से अधिक तबादले नहीं किए जा सकेंगे।
- एक जिले से दूसरे जिले के लिए स्वैच्छिक और प्रशासनिक आधार पर तबादले किए जाएंगे, लेकिन ये 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होंगे।
- तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के जिले के भीतर तबादले करने का अधिकार प्रभारी मंत्रियों तो राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री के अनुमोदन उपरांत तबादले होंगे।
- नई तबादला नीति में गंभीर बीमारी, प्रशासनिक, स्वेच्छा सहित अन्य आधार स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जा सकती है।अब तबादलों से बैन हटने के बाद कलेक्टर, एसपी और मुख्यालयों में बैठे अधिकारियों के तबादले हो सकेंगे।