अब झाबुआ में 168 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त, कांग्रेस विधायक डॉ विक्रांत भूरिया ने उठाये सवाल, BJP सरकार पर लगाये मिलीभगत के आरोप…

भोपाल : मध्य प्रदेश को माफिया का प्रदेश कहने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस की बातों को एक बार फिर बल मिला है, भोपाल में 1814 करोड़ रुपये का एमडी ड्रग्स मिलने के बाद अब झाबुआ में एक फैक्ट्री से 168 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स मिली है जिसके बाद से कांग्रेस प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमलावर है, झाबुआ के कांग्रेस विधायक ने प्रदेश सरकार पर मिलीभगत के आरोप लगाये हैं।

राजधानी भोपाल में एक बंद पड़ी फैक्ट्री से बीते 6 अक्टूबर को 1814 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स मिलने के बाद से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है, कांग्रेस का आरोप है कि अपराध, महंगाई और बेरोजगारी का प्रदेश बनाने के साथ साथ भाजपा ने प्रदेश को नशे का प्रदेश बना दिया है, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी खुलकर आरोप लगाते हैं कि ये सरकार भाजपा की नहीं माफिया की सरकार है, उन्होंने ड्रग्स मिलने बाद कहा कि भाजप अकी सरकार ड्रग्स माफिया के सामने नतमस्तक है।

भोपाल के बाद झाबुआ ड्रग्स कांड पर गरमाई सियासत

भोपाल ड्रग्स कांड की चर्चा अभी शांत नहीं हुई थी कि अब झाबुआ में मेघनगर की एक फैक्ट्री से 168 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स पकड़ में आई है डाइरेक्टरेट रेवेन्यू इंटेलिजेंस की टीम ने फार्मा इंटरमीडिएट से जुडी फैक्ट्री पर दबिश दी और उसे वहां ये बड़ी सफलता मिली , डीआरआई की टीम को फैक्ट्री से 36 किलो ड्रैग पावडर के रूप में और 76 किलो लिक्विड के रूप में यानि कुल 112 किलो ड्रग मिली, टीम ने फैक्ट्री के डाइरेक्टर सहित कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया।

झाबुआ में DRI ने पकड़ी 168 करोड़ रुपये की MD ड्रग्स  

अब इस मामले पर झाबुआ के कांग्रेस विधायक डॉ  विक्रांत भूरिया ने सवाल उठाये हैं, उन्होंने कहा कि पहले भोपाल में 1800 करोड़ रुपये की ड्रग्स मिलती है और अब झाबुआ में मिली, क्या  मध्यप्रदेश की सरकार और पुलिस सो रही है जो उसे इतने बड़े ड्रग्स के कारोबार के बारे में भनक भी नहीं लगती  बाहर की एजेंसी आकर एमपी में कार्रवाई कर रही हैं।

विक्रांत भूरिया ने सरकार पर मिलीभगत के आरोप लगाये

विधायक विक्रांत भूरिया ने सवाल किया, जिन जहरीली फैक्ट्रियों को गुजरात में परमिशन नहीं मिलती उन्हें झाबुआ के मेघनगर में कैसे अनुमति मिली? क्या इसमें सरकार की मिलीभगत है? उन्होंने कहा पहले झाबुआ का आदिवासी और युवा शराब से परेशान था, अब ड्रग्स से पीढ़ियां बर्बाद हो रही हैं लाल पानी की समस्या भी बनी हुई है, पीने का पानी नहीं है सरकार को जागना चाहिए इससे पहले की सरकार पैसों की लत के चक्कर में युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दे।

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