MP : लापरवाही के चलते CMHO और सिविल सर्जन को पद से हटाया गया, जानें क्या है कारण…

भोपाल : मध्य प्रदेश के धार जिले से एक बड़ी खबर आ रही है जहाँ स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ नरसिंह गेहलोत व सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र चौधरी की तरफ से की गई लापरवाही के मामले में उनको उनके पद से हटा दिया गया है। यह पूरी कार्रवाई भोपाल स्तर से की गई हैं, यह आदेश संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के उप संचालक डॉ योगेश नीखरा ने जारी किया है। इन दोनों अधिकारियों के स्थान पर डॉ राकेश कुमार शिंदे जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी को सीएमएचओ पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी व डॉ मुकुंद बर्मन को सिविल सर्जन के पद पर नियुक्त किया गया है।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि पीड़ित के द्वारा 18 सितंबर को विकलांगता का प्रमाण पत्र के लिए आवेदन लोक सेवा केंद्र के माध्यम से किया गया था। उसके बाद आवेदक 19 सितंबर को मेडिकल बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत हुआ था। जहां विकलांगता के सत्यापन के बाद आवेदन की एंट्री डिस्ट्रिक्ट अस्पताल के रजिस्टर में की गई। लगभग 2 महीने बीते जाने के बाद दिनांक 24 नवंबर को सिविल सर्जन के द्वारा ऑनलाइन विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया। इस बीच में आवेदक ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी, पोर्टल पर शिकायत आने के बाद कलेक्टर ने सिविल सर्जन व सीएमएचओ को शिकायत का उचित निराकरण करने के निर्देश दिए गए थे। इस मामले की शिकायत का समय सीमा में निराकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा 15 अक्टूबर व 25 अक्टूबर को अधिकारियों को प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए। जब निर्देश का पालन नहीं किया गया। तब 6 नवंबर व 18 नवंबर को ई-मेल के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग मंत्रालय द्वारा भी सूचना दी गई। स्थानीय प्रशासन के वॉट्सऐप ग्रुप पर भी 10 अक्टूबर से निरंतर करीब 13 बार शिकायत निराकरण को लेकर अधिकारियों को रिमांडर कराया गया। लेकिन सिविल सर्जन कार्यालय से निराकरण में विलंब किया गया, जब सीएम हेल्पलाइन में प्रकरण चौथी स्टेज पर पहुंचा तो भोपाल स्तर से कार्रवाई शुरू की गई।

लापरवाही के चलते दोनों अधिकारियों पट से हटाया

सिविल सर्जन कार्यालय से विकलांगता का प्रमाण पत्र जारी होना था, ऑफिस में इसकी जिम्मेदारी लिपिक अमित मसीह की थी। इस पूरे मामले में लापरवाही सामने आने पर सीएमएचओ और सहायक ग्रेड-2 मसीह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। वहीं शिकायत के बाद जिला स्तर पर जांच शुरू हुई तो यह बात सामने आई कि दोनों अधिकारियों ने अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन करने में लापरवाही की हैं, इसी कारण सीएमएचओ गेहलोत व सिविल सर्जन चौधरी को पट से हटा दिया गया है।

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