अक्सर अपने बयानों से शिवराज के लिए मुश्किलें खड़ी करती हैं उमा
2004 में मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा नहीं भूली हैं उमा
भोपालः मध्य प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए नतीजे आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को एक बार फिर शराबबंदी की याद आ गई है। मंगलवार शाम को उमा एक बार फिर राजधानी भोपाल में एक शराब की दुकान पर पहुंच गई और वहीं अपनी चौपाल जमा ली। वे थोड़ी देर बाद वहां से रवाना हो गईं, लेकिन ये धमकी दे गईं कि तीन दिन बाद वे फिर आएंगी। प्रदेश की राजनीति में अलग-थलग पड़ी उमा शराबबंदी को लेकर अक्सर अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलती रहती हैं। करीब दो महीने उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सीधे हमला बोलते उन पर अबोला करने का आरोप लगा दिया था। फिर सीएम से बातचीत के बाद उन्होंने सरकार के नशाबंदी अभियान में सहयोग का आश्वासन दिया था, लेकिन अब वे फिर एक बार इस मुद्दे पर मुखर हो गई हैं।
पार्टी में वापसी, लेकिन एमपी से दूर
2012 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए तो उन्हें चरखारी से उम्मीदवार बनाया गया। फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें यूपी की झांसी सीट से टिकट दिया गया। उमा खुद भोपाल से चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन शिवराज अड़ गए। जब लगा कि झांसी से उनकी उम्मीदवारी पर भी खतरा हो सकता है तब आनन-फानन में जाकर उन्होंने पर्चा भरा। इसके बाद वे केंद्र में मंत्री भी बनी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद से वे एकदम अलग-थलग हैं। पार्टी नेतृत्व उन्हें तवज्जो नहीं देता और शिवराज उन्हें मध्य प्रदेश में जमने नहीं देते। इसीलिए, रह-रह कर उन्हें शराबबंदी की याद आती है।