Mamata Banerjee joint meeting On President Election: निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम जारी किया। 18 जुलाई को भारत का अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान होगा। 21 जुलाई को पता चलेगा कि कौन अगला राष्ट्रपति बनने जा रहा है। उधर राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्रभावी विपक्ष के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 22 नेताओं को पत्र लिखा है और 15 जून को संयुक्त बैठक में भाग लेने को कहा है।
हाइलाइट्स
- निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा कर दी है
- 18 जुलाई को पड़ेंगे वोट, 21 जुलाई को गिनती, उसी शाम नतीजे
- राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के पास आधे वोट से कुछ कम
- ममता बनर्जी ने विपक्ष के 22 नेताओं को 15 जून की संयुक्त बैठक के लिए निमंत्रण भेजा
नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव 2022 (President Election 2022) की घोषणा के साथ ही वोट जुटाने की कवायद शुरू हो चुकी है। अभी सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। लेकिन राष्ट्रपति चुनाव से पहले मजबूत और प्रभावी विपक्ष के मद्देनजर ममता बनर्जी ने कमर कस ली है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान और 21 जुलाई को काउंटिंग का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कहा है कि राष्ट्रपति चुनाव नजदीक है, इसी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहल की है। उन्होंने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ मजबूत और प्रभावी विपक्ष के लिए 15 जून को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब दिल्ली में एक संयुक्त बैठक में भाग में लेने के लिए विपक्षी मुख्यमंत्रियों और नेताओं को पत्र लिखा है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के सीएम पिनाराई विजयन, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी समेत 22 नेताओं को पत्र लिखा है।
संयुक्त बैठक में भाग लेने वाले विपक्षी मुख्यमंत्रियों और नेताओं की सूची:
1. अरविंद केजरीवाल (मुख्यमंत्री, दिल्ली)
2. पिनाराई विजयन (मुख्यमंत्री, केरल)
3. नवीन पटनायक (मुख्यमंत्री, ओडिशा)
4. कलवकुंतला चंद्रशेखर राव (मुख्यमंत्री, तेलंगाना)
5. थिरु एमके स्टालिन (मुख्यमंत्री, तमिलनाडु)
6. उद्धव ठाकरे (मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र)
7. हेमंत सोरेन (मुख्यमंत्री, झारखंड)
8. भगवंत सिंह मान (मुख्यमंत्री, पंजाब)
9. सोनिया गांधी (अध्यक्ष, कांग्रेस)
10. लालू प्रसाद यादव (अध्यक्ष, राजद)
11. डी. राजा (महासचिव, भाकपा)
12. सीताराम येचुरी (महासचिव, सीपीआईएम)
13. अखिलेश यादव (अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी)
14. शरद पवार (अध्यक्ष, राकांपा)
15. जयंत चौधरी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, रालोद)
16. एच. डी. कुमारस्वामी (कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री)
17. एच डी देवेगौड़ा (सांसद, भारत के पूर्व प्रधान मंत्री)
18. फारूक अब्दुल्ला (अध्यक्ष, जेकेएनसी)
19. महबूबा मुफ्ती (अध्यक्ष, पीडीपी)
20. एस सुखबीर सिंह बादल (अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल)
21. पवन चामलिंग (अध्यक्ष, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट)
22. के एम कादर मोहिदीन (अध्यक्ष, आईयूएमएल)
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आज की तारीख में, राज्यों में कुल 4,790 विधायक हैं। उनके वोटों का मूल्य 5.4 लाख (5,42,306) होता है। सांसदों की संख्या 767 है जिनके वोटों का कुल मूल्य भी करीब 5.4 लाख (5,36,900) बैठता है। इस तरह राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल वोट लगभग 10.8 लाख (10,79,206) हैं। एक विधायक के वोट का मूल्य राज्य की आबादी और विधायकों की संख्या के आधार पर तय होता है। सांसदों के वोट का मूल्य विधायकों के वोटों का कुल मूल्य को लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की संख्या से भाग देकर तय होता है।
एनडीए के पास 5,26,420 वोट हैं। यूपीए के हिस्से 2,59,892 वोट हैं। अन्य (तृणमूल कांग्रेस, YSRCP, BJD, SP और लेफ्ट) के पास 2,92,894 वोट हैं।