दिल्ली से लौटकर सीधे प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री, डेढ़ घंटा चली बैठक।
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में 16 नगर निगमों के महापौर पद के उम्मीदवारों को लेकर भाजपा में तीन दिन से चल रहे मंथन में सोमवार को भी ‘मक्खन’ नहीं निकल पाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के बाद सीधे प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने करीब डेढ़ घंटा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के साथ बैठक की। इस दौरान भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर को लेकर उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया गया। अन्य सीटों को लेकर लगभग सहमति बन चुकी है। इधर, देर रात तक उम्मीदवारों के नाम की घोषणा का इंतजार होता रहा। बताया जा रहा है कि मंगलवार को प्रत्याशियों के नाम की घोषणा हो जाएगी।
भोपाल को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने की बैठक उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भोपाल नगर निगम के महापौर पद के उम्मीदवार को लेकर सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मंत्री विश्वास सारंग, विधायक कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान सभी विकल्पों पर विचार किया गया। संभावना जताई जा रही थी कि सोमवार को पार्टी उन नगर निगम के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर देगी, जिन पर सहमति बन चुकी है। इसको लेकर देर रात तक इंतजार भी होता रहा। संभावित उम्मीदवार व समर्थकों के फोन भी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। सबको कहा गया कि देर रात तक एक सूची जारी हो सकती है, पर ऐसा नहीं हुआ।
इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और सागर को लेकर खींचतान, सहमति पर सर्वाधिक जोर
सूत्रों के मुताबिक महापौर पद के लिए सर्वाधिक खींचतान इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और सागर को लेकर रही। यहां दावेदारों की संख्या अधिक होने के साथ वरिष्ठ नेताओं के बीच सहमति बनाने में संगठन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। दरअसल, वरिष्ठ नेताओं के उम्मीदवार को लेकर अलग-अलग मत हैं, जबकि पार्टी का जोर इस बात पर है कि उम्मीदवार का चयन सहमति बनाकर किया जाए। यही वजह है कि मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य संगठन पदाधिकारी सभी वरिष्ठ नेताओं से लगातार संवाद कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री ने दो दौर की बैठक की।
नामांकन के वक्त मौजूद रहेंगे वरिष्ठ
पार्टी ने तय किया है कि कार्यकर्ताओं को एकजुटता का संदेश देने के लिए नामांकन पत्र जमा करने के समय सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित केंद्रीय मंत्री कुछ जगह साथ तो कुछ जगह अलग-अलग जाएंगे। प्रभारी मंत्रियों से कहा गया है कि वे नामांकन पत्र जमा करने के समय उम्मीदवार के साथ रहें।
दो दिन में पार्षद पद के उम्मीदवारों के नाम करें तय
उधर, जिला कोर कमेटियों को संगठन ने निर्देश दिए हैं कि दो दिन में पार्षद पद के उम्मीदवारों के नाम पर सहमति बनाकर संभागीय समिति को भेजें। उम्मीदवार के चयन में जीत की संभावना के साथ सामाजिक और स्थानीय समीकरणों को ध्यान में रखा जाएगा।
सुबह और शाम को बैठक : मुख्यमंत्री सोमवार को सुबह और देर शाम प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। सुबह उन्होंने आधा घंटा पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। देर शाम को फिर सीएम, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री के बीच महापौर पद के उम्मीदवारों के नामों को लेकर चर्चा हुई।
सूत्रों का कहना है कि महापौर व पार्षद पद के लिए उम्मीदवार चयन को लेकर संगठन द्वारा तय गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। भाजपा के केंद्रीय संगठन ने इसे लेकर हिदायत भी दी थी, जबकि नीचे से जो नाम प्रस्तावित किए गए हैं, उनमें न तो उम्र के पैमाने को ध्यान में रखा गया और न ही नए चेहरों को आगे लाने की पार्टी की मंशा का ध्यान रखा गया। वरिष्ठ नेताओं को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। संगठन ने तय किया है कि जिला कोर कमेटियों को निर्देशित किया जाए कि उम्मीदवार चयन में गाइडलाइन का पालन हो। पार्षद पद के लिए वार्ड के ही कार्यकर्ता को अधिक से अधिक मौका दिया जाए।