जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। भाजपा ने जबलपुर से महापौर पद का प्रत्याशी डा. जितेंद्र जामदार को तय किया है। मंगलवार को भोपाल से उनके नाम की सूची जारी होने के बाद उन तमाम कयासों पर विराम लग गया जो पिछले कई दिनों से शहर में चर्चा में थे, दरअसल डॉ जामदार के अलावा जबलपुर से कमलेश अग्रवाल के नाम पर सबसे ज्यादा उम्मीद टिकी थी लेकिन डॉ जितेंद्र जामदार के नाम की प्रदेश संगठन ने नाम की घोषणा की। हालांकि पिछले दो दिन से डा. जामदार के नाम की चर्चा थी लेकिन अंतिम घोषणा नहीं हो पा रही थी। अधिकारिक रूप से घोषणा के बाद डा. जामदार सीधे सांसद राकेश सिंह से मिलने उनके निवास पर पहुंचे।
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अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. जितेंद्र जामदार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में महानगर के संघचालक रह चुके है। इसके अलावा विभाग संपर्क प्रमुख और प्रांत संपर्क प्रमुख के दायित्व पर रहे। इसके पश्चात भाजपा में शामिल हुए। वर्तमान मप्र भाजपा की कार्यसमिति सदस्य तथा डा. जामदार मप्र जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है। 2017 से 2018 के बीच एकात्म यात्रा का अमरकंटक से ओंकारेश्वर तक मार्गदर्शन इनके द्वारा किया गया। मप्र नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रदेश के निर्वतमान अध्यक्ष है। 2016 में नर्मदा सेवा यात्रा का आयोजन में सक्रिय भूमिका में रहे। 100 से ज्यादा समाजसेवी संगठनों,संस्थानों में महात्वपूर्ण पद पर है। शासकीय प. लज्जाशंकर झा विद्यालय के स्कूली शिक्षा ली। इसके पश्चात पुणे के फग्र्यूसन कालेज, बीजे मेडिकल कालेज एवं ससनू अस्पताल में हुई।उनकी पत्नी, बेटा और बहु भी डाक्टर है।
संघ के स्वयंसेवक का सफ़र
कट्टर संघी परिवार से वास्ता रखने वाले वाले डॉ जामदार का अतीत यूँ तो कई उपलब्धियों से भरा हुआ है, लेकिन चुनावी मैदान में उतरने पर उनकी पृष्ठभूमि को गहराई से जानना ज्यादा जरुरी है। बचपन में ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अपना लिया था। संघ की परंपरा, उद्देश्यों का उनके मन मस्तिष्क पर ऐसा असर हुआ, कि उन्हें राष्ट्रभक्ति, हिंदुत्व की दहलीज के बाहर झाँकने की कभी फुर्सत नहीं मिली। माता-पिता के संस्कारों की छाप भी रही। इनकी माँ श्रीमती उर्मिला जामदार जिन्हें प्यार से ‘ताई’ के नाम से पुकारा जाता था, वह विश्व हिन्दू परिषद् से भी जुड़ी रही। परिषद् में उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौपीं थी। जब देश में बीजेपी के अटल-आडवानी का दौर था और राजनीति करवट ले रही थी, तो राम जन्मभूमि आंदोलन के वक्त जामदार की माँ उर्मिला जामदार ने भी अपनी भूमिका अदा की। अशोक सिंघल और विष्णु हरि डालमिया के साथ ‘ताई’ कंधे से कंधा मिलाकर चले।
डॉ. जितेन्द्र जामदार ने संघ के विभिन्न दायित्वों का निर्वाह वर्ष 2000 से वर्ष 2013 तक किया। कई वर्षों तक जबलपुर महानगर के संघचालक फिर उसके बाद विभाग और प्रांत संपर्क प्रमुख की जिम्मेदारी निभाई। 2014-15 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के तहत आयोजित प्रशिक्षण महाभियान के संयोजक के रूप में भूमिका अदा की। इस दौरान BJP के सभी स्तरों के प्रशिक्षण पूरे प्रदेश में आयोजित किये गए थे । इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले नर्मदा सेवा यात्रा आयोजन में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। अब मौजूदा वक्त में उन्हें नगर निगम महापौर प्रत्याशी के रूप में BJP ने टिकट दिया है।
समाज और चिकित्सा क्षेत्र में भी उपलब्धियां
जामदार सामाजिक क्षेत्रों के कई बड़े कार्यक्रमों में भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहे। चिकित्सा क्षेत्र में एसोसिएशन ऑफ़ स्पाईन सर्जन, इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन का राष्ट्रीय अधिवेशन , विश्व विख्यात महानाटक जाणता राजा का आयोजन, श्रीगुरु जी जन्मशताब्दी महोत्सव, संकल्प महाशिविर अरु ABVP के राष्ट्रीय अधिवेशन में बतौर अध्यक्ष के रूप में जामदार ने शहर का नाम रौशन किया।
डा. जितेंद्र जामदार ने बीजेपी की जीत को लेकर दावा किया कि नगर निगम चुनाव में भाजपा भारी मतों से जीत दर्ज करेंगी। उन्होंने कहा कि जबलपुर को जनता के सपनों का शहर बनाएंगे। कांग्रेस प्रत्याशी पर उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंदी से फर्क नहीं पड़ता है। पार्टी चुनाव लड़ती है। सामने कोई भी हो हम भारी मतों से चुनाव जीतेंगे। गौरतलब है कि जबलपुर से कांग्रेस ने जगत बहादुर सिंह अन्नू को मैदान में उतारा है, डॉ जामदार ने कहा नर्मदा स्वच्छता को लेकर वह काम करेंगे। नर्मदा के अंदर किसी तरह की छेड़खानी बर्दाश्त नहीं होगी। जितने भी नाले नर्मदा में मिल रहे हैं उन्हें डायवर्ट किया जाएगा। फिलहाल नाम की घोषणा के बाद से डाक्टर जामदार के शुभचिंतकों का उनके घर बधाई देने आने वालों का सिलसिला जारी है।