अगले हफ्ते अक्षय कुमार की फिल्म ‘केसरी’ रिलीज़ हो रही है. उसी के प्रमोशन के सिलसिले में उनके कई इंटरव्यूज़ देखने-सुनने को मिल रहे हैं. ऐसे ही एक इंटरव्यू के दौरान मशहूर फिल्म समीक्षक राजीव मसंद अक्षय कुमार से उन फिल्मों के बारे में बात कर रहे थे, जो उनके करियर में टर्निंग पॉइंट साबित हुईं. इस दौरान अक्षय कुमार ने अपनी ज़िंदगी से जुड़ा एक दिलचस्प लेकिन दुखभरा किस्सा सुनाया है.
अक्षय कुमार ने बताया कि 2005 में वो विपुल अमृतलाल शाह की फिल्म ‘वक्त- दी रेस अगेंस्ट टाइम’ की शूटिंग कर रहे थे. इस फिल्म में अक्षय के अलावा अमिताभ बच्चन, प्रियंका चोपड़ा, शेफाली शाह और बोमन ईरानी जैसे एक्टर्स भी काम कर रहे थे. इसे अक्षय अपने करियर की सबसे मुश्किल फिल्म बताते हैं, इसलिए नहीं कि उनका किरदार बहुत मुश्किल था. उनके लिए ये फिल्म अमिताभ बच्चन के किरदार की वजह से मुश्किल हो गई थी. हुआ ये था कि अक्षय के पिता हरि ओम भाटिया कैंसर से जूझ रहे थे. तिस पर फिल्म में उनके पिता का रोल कर रहे अमिताभ बच्चन भी कैंसर पेशेंट बने थे. इस फिल्म को शूट करने के दौरान उन्हें हमेशा अपने पिता की बीमारी याद आ जाती थी. इस चक्कर में इस फिल्म को शूट करना भी उनके लिए बहुत टफ हो गया था.
इस बारे में बात करते हुए अक्षय ने कहा-
अगर आप वो सीन्स देखेंगे, तो वो बहुत रियल लगेंगे. वो मेरे लिए भावनात्मक तौर पर बहुत मुश्किल फिल्म थी. शूटिंग के दौरान तो कई बार ऐसा भी होता कि सीन खत्म होने के बावजूद मैं अपनी भावनाओं को नहीं रोक पाता था. इसी वजह से ये फिल्म हमेशा मेरी यादों में दर्ज रहेगी.
‘वक्त- दी रेस अगेंस्ट टाइम’ एक बाप-बेटे के रिश्ते पर बनी फिल्म थी. एक लापरवाह बेटे को रास्ते पर लाने के लिए उसका पिता क्रूर हो जाता है. बेटे के शादीशुदा होने के बावजूद वो उसे अपने पैर पर करने के लिए परेशान करने लगता है. उसे खर्चा देना बंद कर घर से निकालकर आउटहाउस में शिफ्ट कर देता है. इससे वो अपने पिता से नफरत करने लगता है. बाद में जब वो अपने पांव पर खड़ा हो जाता है, तब उसे पता चलता है कि उसके पिता को कैंसर है. 2005 में रिलीज़ हुई ये फिल्म सफल रही लेकिन कुछ ही समय बाद अक्षय ने कैंसर के हाथों अपने पिता को गंवा दिया.