संजय राउत ने आज खुलेआम एकनाथ शिंदे गुट के तमाम बागी विधायकों को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि अब मान- मनौवल का समय निकल चुका है। अगर हिम्मत है तो महाराष्ट्र में आकर बहुमत साबित करके दिखाएं। राउत के इस बयान पर शिवसेना विधायक भास्कर जाधव ने ऐतराज जताते हुए कहा कि उन्हें को इस तरह की धमकी नहीं देनी चाहिए।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात के बाद अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों ने बेहद गलत कदम उठाया है। राउत ने कहा कि हम सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई जीतेंगे। हमें पूरा यकीन है कि हमारी सरकार अगले ढाई साल का कार्यकाल भी पूरा करेगी। इतना ही उसके बाद भी एमवीए (MVA) की सरकार महाराष्ट्र में आएगी। राउत ने कहा कि हमने उनको वापस लौटने का भी मौका दिया था लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। अब हमारा उनको चैलेंज है कि वह महाराष्ट्र में आएं और बहुमत साबित करके दिखाएं।
गौरतलब है कि संजय राउत कल तक यह कह रहे थे कि अगर 24 घंटे के अंदर शिंदे और उनके तमाम बागी समर्थक विधायक वापस लौटते हैं तो शिवसेना महाविकास अघाड़ी से निकलने के लिए तैयार हैं। हालांकि आज पवार से मुलाकात के बाद राउत के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। आज उनकी बॉडी लैंग्वेज भी अलग थी।
गुरुवार को जब संजय राउत मीडिया से मुखातिब हुए थे तब उन्होंने कहा था कि हमारे पास भी तकरीबन 20 विधायकों का समर्थन है। वहीं कल तक एकनाथ शिंदे तकरीबन 40 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे थे। यह बात सामने आने के बाद संजय राउत ने खुद कहा था कि ज्यादा से ज्यादा क्या होगा? सत्ता चली जाएगी लेकिन हम आखिर तक कोशिश करेंगे। गुरुवार को राउत की बॉडी लैंग्वेज से यह लग रहा था कि उन्हें बाजी हाथ से निकलती हुई नजर आ रही है। राउत यहीं नहीं रुके थे, उन्होंने शाम तकरीबन 4 बजे के आसपास हुई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर बागी विधायक 24 घंटे के भीतर वापस आते हैं तो शिवसेना महाविकास अघाड़ी सरकार से निकलने के लिए भी तैयार हैं।
संजय राउत की चेतावनी में कितना दम
शिवसेना के सांसद संजय राउत भले ही तमाम बागी विधायकों को चेतावनी दे रहे हों। लेकिन उनकी चेतावनी और रिक्वेस्ट दोनों का असर बागियों की सेहत पर होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। एक तरफ मौजूदा समय में जहां एकनाथ शिंदे ने 50 से भी ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है। वहीं दूसरी तरफ अब उनके उनके गढ़ ठाणे जिले के 60 पार्षदों ने भी बागी गुट को अपना समर्थन देने का मन बनाया हैम ऐसे में जिस ठाणे शहर में बीते 30 सालों से शिवसेना का झंडा लहरा रहा था। अब वह किला भी उद्धव ठाकरे के हाथ से सरकता हुआ नजर आ रहा है।
विधायकों के खिलाफ एक्शन के मूड में शिवसेना
महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर बागी विधायकों को नोटिस भेज सकते हैं। दरअसल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 16 विधायकों के निलंबन की मांग की है। शिवसेना की तरफ से राज्यसभा सांसद अनिल देसाई भी विधानसभा पहुंचे हुए हैं। शिवसेना की तरफ से से कुल 16 बागी विधायकों पर कार्रवाई करने के लिए उपसभापति को चिट्ठी दी गई है। जिसके लिए शिवसेना की लीगल टीम भी विधान भवन पहुंची है।