महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच हिंसा का दौर भी शुरू हो गया है। खबर है कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पुणे समेत कई हिस्सों में तोड़फोड़ शुरू कर दी है। वहीं, पार्टी के सांसद संजय राउत ने भी एक बार फिर सख्त लहजे में बागियों को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईजैक करने की कोशिश पर स्थिति बिगड़ेगी। खबर है कि केवल शिवसेना से ही शिंदे खेमे में 38 विधायक शामिल हो चुके हैं।महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच हिंसा का दौर भी शुरू हो गया है। खबर है कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पुणे समेत कई हिस्सों में तोड़फोड़ शुरू कर दी है। वहीं, पार्टी के सांसद संजय राउत ने भी एक बार फिर सख्त लहजे में बागियों को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईजैक करने की कोशिश पर स्थिति बिगड़ेगी। खबर है कि केवल शिवसेना से ही शिंदे खेमे में 38 विधायक शामिल हो चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘शिवसेना के कार्यकर्ताओं का गुस्सा आप देखते हो, यह आज का गुस्सा नहीं है। 56 साल से शिवसेना की जो ताकत और ऊर्जा है, वह गुस्सा ही है। हम लोग जो जीते हैं, मरते हैं, सांस लेते हैं। हर सांस में हमारा गुस्सा होता है, एक चिढ़ होती है।’
हाल ही में सामने आई तोड़फोड़ की खबरों पर राउत ने कहा, ‘लोगों का गुस्सा है। यह गुस्सा रहेगा और गुस्सा रहना भी चाहिए। यह शिवसेना आग है। हम इस आग को कभी बुझने नहीं देते। बाला साहब ठाकरे ने हमसे कहा है कि राख नहीं होनी चाहिए।’
इधर, संकट में भारतीय जनता पार्टी की भूमिका को लेकर शिवसेना सांसद ने कहा, ‘अगर आप हमारे विधायकों को इस तरह से किडनैप करेंगे। उनकी व्यवस्था करेंगे। आपके लोग वहां सुरक्षा में बैठेंगे। और हमारा गुस्सा हम नहीं निकालेंगे तो कैसे होगा। हम नामर्द हैं क्या। हम नामर्द नहीं है। ज्यादा से ज्यादा सत्ता चली जाएगी। सत्ता जाती है सत्ता आती है। कौन कहता है मोदी जी 2024 में आएंगे। नहीं भी आ सकते…’
सुरक्षा की चिंता
शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। उन्होंने ‘दुर्भावनापूण तरीके से 38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा वापस’ लिए जाने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सरकार उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।’ वहीं, राउत ने कहा था, ‘आप एक विधायक हैं इसलिए आपको सुरक्षा मिली है। आपके परिवार के सदस्यों को वैसी ही सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा सकती।’
साथ ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी सलाह दी है, ‘हमें पता है कि एक बार विधायक मुंबई वापस आएंगे तो वे हमारे पक्ष में आ जाएंगे। मैं देवेंद्र फडणवीस को सलाह देता हूं कि इस मामले में न पड़े और जो कुछ गरीमा बची है उसे बचाएं। हम एक-दूसरे को चुनाव में देखेंगे।’