मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के शुरुआती रुझान और नतीजों को लेकर कांग्रेस खुशी मना रही है। जिला पंचायत स्तर पर कांग्रेस को बढ़त मिलने दावे किए जा रहे हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्य निर्वाचन आयोग से चुने गए जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग कर दी है। इधर, प्रदेशभर में ग्राम पंचायत स्तर पर पहले चरण के चुनाव के जो शुरुआती रुझान सामने आ रहे है। उसमें बीजेपी, कांग्रेस के मुकाबले दोगुनी मजबूत दिख रही है। शुरुआती जानकारी के आधार पर चुने गए ऐसे जनप्रतिनिधियों की भी संख्या अधिक है जो किसी भी राजनीतिक दल के समर्थक नहीं है। यह स्थिति पंचायत स्तर पर हुई मतगणना के बाद आए रुझान के बाद सामने आई है। हालांकि परिणामों की अधिकृत घोषणा होना बाकी है।
45 फीसदी सीटों पर बीजेपी समर्थक प्रत्याशी जीते हैं। जबकि 22 फीसदी सीटों पर कांग्रेस समर्थक प्रत्याशी जीते हैं। वहीं 33 फीसदी ग्राम पंचायतों में चुने गए प्रत्याशी किसी भी राजनीतिक दल के समर्थक नहीं हैं। यानि जिला और ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस के मजबूत होने का दावा किया जा रहा है। तो पंचायत स्तर पर बीजेपी के मजबूत होने की बात सामने आ रही है।
कमलनाथ ने प्रत्याशियों को सुरक्षा देने की मांग की
कमलनाथ का बयान सामने आया कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले चरण के रुझान स्पष्ट रूप से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के पक्ष में आए हैं। सौदे की सरकार बनाने वाली सत्ताधारी पार्टी जीत रहे प्रत्याशियों की खरीद-फरोख्त और अनावश्यक दबाव बनाने की ओर बढ़ रही है। कमलनाथ ने निर्वाचन आयोग से अपील की है कि सभी प्रत्याशियों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
कांग्रेसी चाहें तो एक-एक कार्यकर्ता का नाम लेकर बात कर लेते हैं
कांग्रेस के दावों को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि पंचायत चुनाव बिना सिंबल के है। इसलिए कांग्रेस भ्रम पैदा कर सकती है। बीजेपी पंचायत चुनाव में जीती है और वो चाहें तो आ जाएं। नाम ले ले कर बात कर लेते हैं एक-एक कार्यकर्ता की। उनकी रही कसर 6 जुलाई के मतदान में पूरी हो जाएगी। जहां पार्टी चुनाव चिन्ह पर चुनाव होंगे। फिर यह कहने को भी नहीं बचेगा।