भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी एवं मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा है कि भाजपा किसान विरोधी है। एमपी में साल दर साल मूंग का रकबा बढ़ता जा रहा है। इस साल 5 लाख टन से अधिक ग्रीष्मकालीन मूंग का उत्पादन हुआ है। सिर्फ अकेले नर्मदापुरम जिले में 2.32 लाख हेक्टेयर, हरदा जिले में 1.35 लाख हेक्टेयर मूंग की बुवाई की गई थी। बैतूल, नरसिंहपुर, भोपाल, रायसेन, विदिशा और सागर समेत अन्य जिलों में भी बड़े पैमाने पर किसानों ने मूंग की बुवाई की थी। किसान अपनी पैदावार की वाजिब कीमत चाहता है। लेकिन शिवराज सरकार ने मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर शुरू नहीं की है। जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों को 5000-5200 में अपनी फसल बेचना पड़ रही है। जिससे उनकी लागत भी नहीं निकल रही है। जबकि निर्धारित समर्थन मूल्य 7275 रूपए है।
0% ब्याज योजना से वंचित किसान
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि सरकार तत्काल मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीदी का भुगतान जो दो-तीन दिन में होना चाहिए। 1 महीने से भी ज्यादा देरी से किया जा रहा है। जिस वजह से किसानों को कृषि ऋण पर मिलने वाले जीरो प्रतिशत ब्याज योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बिज उपलब्ध नहीं करा रही शिवराज सरकार : कुणाल चौधरी
कुणाल चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में बोवनी का समय आ गया है। लेकिन अभी तक प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से सोयाबीन, धान, मक्का एवं अन्य फसलों को उगाने के लिए बीज नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जहां सोयाबीन के दाम बाजार में 6 हजार रूपए प्रति क्विंटल तक थे, अब 15 से 16 हजार प्रति क्विंटल तक बिक रहे हैं। लेकिन सरकार ने बीज उपलब्ध नहीं करवाया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। वहीं उद्यानिकी फसल का अभी तक भी फसल बीमा किसानों को नहीं हो पा रहा है। उद्यानिकी फसलों का भी फसल बीमा किया जाए।
कांग्रेस नेता का कर्ज माफी को लेकर बड़ा हमला
कुणाल चौधरी ने कहा कि जहां तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने 25 लाख से ज्यादा किसानों के कृषि ऋण माफ किए थे। लेकिन शिवराज सरकार में सहकारी समितियों द्वारा किसानों को अब कृषि ऋण भी नहीं दिया जा रहा है। खरीफ की फसल की बोवनी प्रारंभ हो गई है।लेकिन सहकारी समितियों पर डीएपी खाद नहीं मिल रहा है। डीएपी दामों में भारी वृद्धि के बाद भी किसानों को 400-500 रुपए तक ज्यादा दामों पर बाजार से डीएपी खरीदना पड़ रही है। वहीं DBT डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना का किसानों को सही लाभ नहीं मिल रहा है। इस योजना में प्रदेश सरकार को 100 में से केवल 60 अंक मिले थे।
फसल बीमा योजना में महा घोटाला
उन्होंने कहा कि फसल बीमा के नाम पर महा घोटाला किया गया है। किसानों से हजारों रुपए के प्रीमियम भरवा कर फसल नुकसान होने पर खाते में 200–400 रुपए ही भेजे गए। कहीं-कहीं तो दो -चार रुपए ही भेज दिए गए। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीदी में सरकार द्वारा बोनस नहीं दिया गया। जिस वजह से इस वर्ष 54% तक गेहूं खरीदी घट गई। साथ ही गेहूं खरीदी के दौरान भी 20 रूपए प्रति क्विंटल छनवाई के लिए गए, 500 क्विंटल तक गेहूं डालने वाले किसान को 10 हजार रूपए अकेले छनवाई देना पड़ गई।
बुनियादी समस्या से जूझ रहे है किसान: कांग्रेस नेता
कांग्रेस विधायक ने कहा कि कृषि विभाग में कमीशनखोरी के कारण बजट तक लेप्स हो गया है। ऐसे असफल मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों के लिए बिजली उपलब्ध नहीं है। लगभग दो लाख ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं। ग्रामीण इलाकों में भारी बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही किसानों को डीजल संकट से भी जूझना पड़ रहा है। पशुओं के लिए बारिश के दिनों में वैक्सीनेशन/टीकाकरण किया जाता है। लेकिन अभी तक कोई टीकाकरण चालू नहीं किया गया है। तत्काल पशु टीकाकरण प्रारंभ किया जाए। कांग्रेस सरकार में गौ शालाएं खोली गई थी और मवेशियो के चारे की राशि बढाई थी। लेकिन बीजेपी ने गौशाला बंद करके, चारे का अनुदान कम करके स्लॉटर हाउस खोलना चाहती है।