शहर सरकार के लिए शिवराज को नुक्कड़ सभा से भी परहेज नहीं, कमलनाथ का बड़ी सभाओं पर फोकस, दिग्गी मैनेजमेंट में उलझे…

भोपाल. मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झौंक दी है. केंद्रीय मंत्रियों समेत प्रदेश के दिग्गज नेता जमकर पसीना बहा रहे हैं. पहले चरण के लिए सोमवार को चुनाव प्रचार थमने तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी 16 नगर निगम तक पहुंच चुके हैं. जबकि, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी 11 नगर निगमों में दौड़ लगाई.

पहले चरण में 16 नगर निगम में से 11 के लिए 6 जुलाई को मतदान होगा. इसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सागर, सिंगरौली और सतना नगर निगम की वोटिंग होगी. जबकि 122 अन्य नगरीय निकायों में मतदान होगा. अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले यहां जीत हासिल कर दोनों ही पार्टियां अपने लिए माहौल तैयार करने में जुटी है.

चुनाव कैंपेन में मुख्यमंत्री रोड-शो, जनसभा से लेकर नुक्कड़ सभा तक कर रहे हैं. वहीं कमलनाथ का फोकस बड़े शहरों में बड़ी सभाओं को करने पर रहा. भाजपा के प्रचार में केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री प्रचार के आखिरी दौर में अपने ही इलाकों में फंस गए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी अपने जिलों वाले नगरीय निकायों में डटे रहे.

इन नेताओं ने शहर सरकार में अपने प्रत्याशियों के लिए बहाया पसीना

शिवराज सिंह चौहान: मुख्यमंत्री 22 जून से लगातार सुबह 7 बजे से रात को 10 बजे तक नियमित रोड शो से लेकर सभाएं ले रहे हैं. रोजाना तीन से चार नगर निगम पहुंचते है. वे दूसरे चरण वाले निगमों में भी एक बार पहुंच चुके है. पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन में आठ जनसभाएं की है.

कमलनाथ: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने 24 जून से रोजाना प्रचार कर रहे हैं. वे प्रतिदिन एक या दो निगम में पहुंचे. अपने गढ़ छिंदवाड़ा पर इतना ज्यादा जोर है कि यहां तीन बार जा चुके हैं. सोमवार को सारा दिन भोपाल में रहे. यहां पर रोड शो करने के साथ ही सभाएं की.

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