कमलनाथ के OSD रहे पूर्व IAS ने खोली सिस्टम में मौजूद भ्रष्टाचार की पोल, कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों पर लगाएं गंभीर आरोप….

भोपाल। देश में शासन और प्रशासनिक स्तर पर होने वाले धोखाधड़ी और घोटाले का उजागर होना नया नहीं है। इसी कड़ी में इन दिनों मध्यप्रदेश में पूर्व आईएएस वरद मूर्ति मिश्रा चर्चा में है। दरअसल वरद मूर्ति मिश्रा कमलनाथ के ओएसडी रह चुके हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा से त्यागपत्र देने के बाद पूर्व आईएएस वरद मूर्ति मिश्रा ने सरकारी सिस्टम की पोल खोल दी है। कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों पर उन्होंने जमकर निशाना साधा है।

पूर्व आईएएस ने कहा कि हर पार्टी अपने हाईकमान को खुश करने का कार्य करती है। आम जनता को लोकलुभावन नारे मिलते हैं और उन्हें दिग्भ्रमित कर उनसे कमाई की जाती है। जिस का हिस्सा हर पार्टी अपने पार्टी फंड को भेजती है। पूर्व आईएएस ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। इससे पहले वरद मूर्ति मिश्रा ने सिस्टम की पोल खोलते हुए कहा है कि हर पार्टी का मूल चरित्र एक सा है। शासन और प्रशासनिक तंत्र पर बड़े हमले बोलते हुए पूर्व आईएएस ने कहा कि समस्याएं विकराल और भयंकर हो रही है लेकिन इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

सरकार आश्वस्त रहती है कि इस बार फिर कोई ना कोई नया नारा और लोकलुभावन फैसले आम जनता को दिग्भ्रमित करेंगे और पार्टियां वापस से सत्ता में पहुंचेगी। कांग्रेस की सत्ता के दौरान पूर्व आईएएस वरद मूर्ति मिश्रा कमलनाथ के OSD रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह खस्ताहाल है। कांग्रेस सिर्फ एक उम्मीद में है कि बीजेपी की सरकार खुद के कार्यशैली में चुनाव हारती है तो वह फिर से सरकार बना लेंगे।

कांग्रेस के 15 महीने के शासनकाल पर भी उन्होंने बड़े सवाल खड़े किए हैं। वरद मूर्ति मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2000 के बाद प्रदेश में कुछ भी नया देखने को नहीं मिला है। 15 महीने सत्ता में रहने के बाद भी कांग्रेस ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे यह साबित हो कि वह पुरानी सरकार से कुछ अलग करना चाहती है। कांग्रेस सरकार के दौरान भी ट्रांसफर-पोस्टिंग आदि से कमाई की गई। 15 महीने की सरकार के दौरान कांग्रेस ने भी पसंद के ठेकेदार, धनी व्यक्तियों और उद्योगपतियों के पोषण का खेल खेला है। मोटे स्तर पर इससे कमाई की गई है और इसकी फंडिंग राजनीतिक दल को की गई है।

शासन और प्रशासनिक तंत्र की कार्यशैली पर भी वरद मूर्ति मिश्र ने सवाल खड़े किए हैं। वरद मूर्ति मिश्रा ने कहा कि शासन के दौरान कांग्रेस सरकार भी ट्रांसफर-पोस्टिंग, पसंद के ठेकेदार आदि में उलझ कर रह गई जबकि विपक्ष में बैठकर इसका विरोध कर रही थी। पार्टियां सत्ता में आने के बाद वही मूल चरित्र अपना लेती है और हाईकमान को खुश करने की तैयारी में लगती है। सभी पार्टियों का मूल स्वरूप एक है। पैसा देने वाले ठेकेदार-अधिकारी से पैसे की कमाई करके, यह कमाई ऊपर पार्टी फंड में भेजा जाता है। प्रशासनिक स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए वरद मूर्ति मिश्र ने कहा कि उन्होंने अपने 25 साल की सेवा में पाया है कि जो जितना गंदा और घटिया होगा उसे इस अव्यवस्था का लाभ मिलेगा और वही इंसान और अधिक मजबूत होता जाएगा।

उन्होंने कहा कि उन्होंने IAS की सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। हालांकि 7 वर्ष से अधिक का सेवाकाल बचे रहने के बावजूद उनके द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली गई। इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि तंत्र के अंदर रहकर आम जनता की बेहतरी के लिए कार्य करना बेहद कठिन है। वरद मूर्ति मिश्रा के इस कथन से यह तो स्पष्ट है कि पार्टियां चाहे कोई भी हो, प्रशासनिक तंत्र उनके हाथों की कठपुतली मात्र है। पूर्व आईएएस ने कहा कि सिर्फ शीर्ष पर बैठे लोग और अदूरदर्शी हैं और प्रशासनिक अक्षमता का फायदा उठाकर कुछ दर्जन व्यक्ति प्रदेश को चौपट करने पर तुले हैं।

राजनीति में नई पारी की शुरुआत करने जा रहे पूर्व आईएएस वरद मूर्ति मिश्र ने लोगों को लोकलुभावन नारों से सावधान रहने की अपील की है। इसके साथ उन्होंने कहा कि इस तरह से इन नारों को बनाया और गढ़ा जाता है। जिससे जनता इन नारों और वादों के लालच में आ जाए जबकि धरातल पर इसकी वास्तविकता कुछ और ही है। बता दे कि शासन और प्रशासनिक स्तर पर व्यापक स्तर पर संचालित हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए पूर्व आईएएस ने राजनीति में आने के संकेत दिए हैं। हालांकि पूर्व आईएस के इस बयान के बाद शासन और विपक्ष इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है यह तो समय ही बताएगा पर इतना तो स्पष्ट है कि इन आरोपों के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल निश्चित है।

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