दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाली संस्थाओं को लेकर शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, कलेक्टर्स को दिए ये निर्देश…

भोपाल। जबलपुर के निजी अस्पताल में हुआ अग्निकांड की घटना को शिवराज सरकार बहुत गंभीरता से ले रही है। अग्निकांड के बाद जो खामियां और लापरवाही जिला प्रशासन के स्तर पर दिखाई दी उसने प्रदेश के स्वास्थ महकमे के जिम्मेदारों की पोल खोल दी है लेकिन अब सरकार हर स्तर पर चौकन्ना और दुरुस्त रहना चाहती हैं इसी क्रम में सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाली सभी संस्थाओं के सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं।

आयुक्त नि:शक्तजन कल्याण संदीप रजक ने प्रदेश के सभी कलेक्टर्स से कहा है कि जिले में दिव्यांगों के लिये कार्यरत संस्थाओं का सक्षम अधिकारी से 15 दिन में सुरक्षा ऑडिट करवाकर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएँ। न्यायालय आयुक्त नि:शक्तजन मध्य प्रदेश द्वारा एक अगस्त को जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में लगी भीषण आग में उपचार के लिये भर्ती मरीज और स्टाफ की मृत्यु, फायर फाइटिंग सिस्टम की एनओसी एक्सपायर होने, जिम्मेदार अधिकारियों की मॉनिटरिंग में लापरवाही और सुरक्षा नियमों की अनदेखी पाई जाने पर स्व-संज्ञान लिया गया है।

आयुक्त श्री रजक ने कहा कि दिव्यांगजन के शिक्षण-प्रशिक्षण और पुनर्वास के लिये शासकीय एवं अशासकीय संस्थाएँ जिला स्तर पर कार्यरत हैं। दिव्यांगजन अधिकार नियम 2016 में दिव्यांगजन को संरक्षण और सुरक्षा प्रदान किये जाने का प्रावधान है। दिव्यांगजन आकस्मिक परिस्थितियों में भी सहायता और बाधा रहित सुरक्षा व्यवस्था के बिना सुरक्षित स्थान पर नहीं जा सकते हैं। इस असहाय स्थिति के कारण अप्रिय घटना की संभावना बनी रहती है। भविष्य में ऐसी संस्थाओं में दुर्घटनावश अप्रिय स्थिति निर्मित न हो, इसके लिये जिले की संस्थाओं का सुरक्षा ऑडिट करवाया जाना अति आवश्यक है।

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