मध्य प्रदेश में हाली में ही पंचायत चुनाव संपन्न हुए। सभी पंचों ने भ्रष्टाचार ना करने के की शपथ ली। लेकिन शपथ सिर्फ मौखिक रूप से ली गई है क्योंकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला कटनी जिले में एक सरपंच को जहां लोकायुक्त की टीम ने एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
दरअसल एमपी के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम खामहा के नवनिर्वाचित सरपंच सुशील पाल को लोकायुक्त ने को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। सरपंच ने आलोक कुमार से सरकारी योजना का लाभ दिलवाने के लिए रिश्वत मांगी थी। जिसके बाद आलोक ने इसकी शिकायत जबलपुर लोकायुक्त से की। वहीं लोकायुक्त ने दबिश देकर सरपंच को रंगे हाथ घूस लेते हुए पकड़ा।
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक सरपंच सुशील पाल ने किसान आलोक कुमार पर जोर डाला था कि अगर वे जमीन बेचेगा और पैसे नहीं देगा तो ग्राम पंचायत से उसकी रजिस्ट्री में मुश्किलें पैदा होगी। जानकारी के अनुसार आलोक की मां के नाम खामा में आठ एकड़ जमीन है। जिस जमीन को वे बेचने आया था।
वहीं सरपंच ने प्रति एकड़ 50 हजार रुपये के हिसाब से चार लाख रुपये की मांग की थी। इसी सिलसिले में एक लाख रुपये की घूस लेकर आलोक सरपंच से मिला था। लेकिन पहले ही आलोक ने जबलपुर लोकायुक्त को इसकी शिकायत कर दी थी। और शुक्रवार को सरपंच को पैसे लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
बता दें कि सरपंच सुशील कुमार पाल ढीमरखेड़ा मंडल में बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा का मंडल अध्यक्ष भी है। उसने हाल ही में जनता के सामने पंचायत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की शपथ ली थी। लेकिन सरपंच रिश्वत भी हक की तरह दादागिरी से वसूलना चाह रहा था।