स्कूलों में अब लगेगी शिक्षकों की तस्वीर, प्रॉक्सी सिस्टम पर लगाम के लिए सरकार का फैसला…

भोपाल : अब सरकारी स्कूल के शिक्षक अपनी जगह किसी को और क्लास लेने के लिए नहीं भेज सकेंगे। शिवराज सरकार ने स्कूलों में तैनात शिक्षकों की तस्वीरें लगाने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र और उनके परिजन अपने स्कूल के टीचर को जान सकें। इस कदम के पीछे एक वजह टीचिंग स्टाफ के प्रॉक्सी सिस्टम को रोकना भी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान और स्कूल के शिक्षा मंत्री ने इस बारे में अहम बैठक करने के बाद ये फैसला लिया।

पीएम मोदी के साथ हुई बैठक में भी उठा था मुद्दा
अधिकारियों ने बताया कि जून में हिमाचल के धर्मशाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ। जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। इस बातचीत के दौरान ही कुछ राज्यों से ऐसी शिकायतें मिली थीं कि सरकारी स्कूल में शिक्षकों की जगह प्रॉक्सी कैंडिडेट पढ़ाने के लिए जाते हैं। ऐसा खासकर दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में देखने को मिलता है। जिसके बाद फैसला लिया गया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की तस्वीर और स्थिति के बारे में डिटेल्स विभाग की ओर से जल्द ही जारी किया जाएगा।

सीएम शिवराज ने मंत्रियों के साथ बैठक के बाद लिया फैसला
वहीं इस सप्ताह की शुरुआत में आयोजित एक बैठक में, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों और अधिकारियों को कई निर्देश दिए। इसी दौरान उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में अब शिक्षकों के फोटो भी लगाए जाएं। इस हफ्ते की शुरुआत में, राज्य कैबिनेट ने स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर नीति को भी मंजूरी दी। जिसके तहत किसी स्कूल में, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में, दस साल या उससे अधिक समय तक तैनात शिक्षकों को बिना टीचर या जिन स्कूलों में स्टाफ कम है वहां तैनात किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में अब निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की निजी पोस्टिंग के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी।

इस फैसले से शिक्षकों के प्रॉक्सी सिस्टम पर लगेगी रोक
इसी बैठक के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने विद्यालयों में शिक्षकों की तस्वीर लगाने की बात कही, जिससे इसका दुरुपयोग नहीं हो। दरअसल, राज्य में ऐसी घटनाएं सामने आईं जिनमें शिक्षकों ने स्कूलों में अपना प्रॉक्सी भेजने के लिए लोग रखे था। जनवरी 2020 में एक प्राथमिक स्कूल के सरकारी शिक्षक ने खरगोन जिले में अपनी जगह पर एक युवक को पढ़ाने के लिए काम पर रखा था। पुलिस ने उस पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। 8वीं कक्षा का एक ड्रॉप-आउट एक साल से स्कूल में पढ़ा रहा था।

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