आखिर ऐसा क्या हुआ, कि पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह छोड़कर अस्पताल भागे एसपी और कलेक्टर…

जबलपुर। जबलपुर में पिछले दिनों निजी अस्पताल में हुए अग्निकांड में 8 लोगों की मौत की दहशत बरकरार है, इस बीच सोमवार की दोपहर नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के बच्चा वार्ड के एसी में निकली चिंगारियाँ और समीप स्थित ऑक्सीजन प्लांट को बिजली सप्लाई करने वाले विद्युत पोल में से आग की लपटें उठती दिखी तो वहां भगदड़ मच गई। आलम यह था कि कलेक्टर और एसपी पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह छोड़कर भागे चले आए। गनीमत थी कि वक़्त रहते इस आग पर काबू पा लिया गया। कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन घंटों अस्पताल में हड़कंप मचा रहा। हालांकि कलेक्टर और एसपी की मौजूदगी ने परिजनों को खासी हिम्मत दी।

दरअसल दो दिन पहले भी बच्चा वार्ड के सामने बिजली के बोर्ड में आग लगी थी तब भी इस आग को तुरंत बुझा लिया गया था लेकिन उसके बाद यह नहीं देखा गया कि जले बोर्ड से और कहाँ नुकसान हुआ है, सोमवार को दोपहर में अचानक बच्चा वार्ड के एसी से चिंगारी निकलते देख हड़कंप फैल गया, आनन फानन में एसी बंद कर बिजली का मेन स्विच बंद किया गया, इसके बाद ही वार्ड के बाहर लगे कंप्रेशर में लगी आग को बुझाया गया, इसके साथ ही बाहर खंबे में लगी आग को भी बुझाया गया, घटनास्थल के पास ही अस्पताल का आक्सीजन प्लांट है गनीमत रही कि आग वहाँ तक नहीं फैली।

आग लगने की खबर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी और एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा को नगर निगम में चल रहे पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में लगी। दोनों अधिकारी तत्काल समारोह को छोड़ मेडिकल कॉलेज-अस्पताल जा पहुंचे। इसी बीच वार्ड में भर्ती बच्ची के परिजन घबरा गए परिजनों ने बच्चों को सुरक्षित वार्ड से बाहर निकालने के लिए हो हल्ला शुरू कर दिया। हालांकि मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों और प्रशासन के जल्द एक्शन में आ जाने के चलते बड़ा हादसा टल गया। गौरतलब है कि जबलपुर के निजी अस्पताल में लगी आग के बाद लगातार प्रशासन शहर के निजी अस्पतालों में तय मापदंड की जांच करवा रहा है जिसमें फायर सेफ़्टी प्रमुख है, फिलहाल इस तरह के हादसे के बाद शासकीय अस्पतालों में भी जांच की जरूरत महसूस की जा रही है। फिलहाल आज की घटना में कोई जनहानि न होने से सभी ने राहत की सांस ली।

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