हनीट्रैप मामले में फंसे नेता को जिला प्रभारी बनाने पर कांग्रेस की बड़ी मुश्किलें, बीजेपी ने खड़े किए सवाल…

भोपाल : मध्‍य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही जुटी हुई है। इसी कड़ी में पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर जिलों के प्रभारी नियुक्त किए गए। लेकिन उसमें से एक प्रभारी की नियुक्ति से बवाल खड़ा हो गया और उसपर बीजेपी हमलावर हो गई है।

दरअसल हनीट्रैप मामले में नाम आने के बाद मनोज त्रिवेदी ने छतरपुर जिला अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था। और अब मनोज त्रिवेदी को कांग्रेस ने पन्ना का प्रभारी बनाया गया है। बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि हनीट्रैप मामले में फंसे व्यक्ति की तैनाती बताती है कांग्रेस अपराधियों को संरक्षण दे रही है। 

मिली जानकारी के अनुसार जनवरी 2020 में हनीट्रैप से जुड़े मामले में मनोज त्रिवेदी से पीसीसी ने ही इस्तीफा ल‍िया था। हनीट्रैप मामले को लेकर मोनिका ने बताया था कि आरती दयाल उसे अपने साथ छतरपुर लेके गई थी और उन्हें राजेश गंगेले के पास जाना था। और जब वे नहीं मिले तो वे लोग कांग्रेस नेता मनोज त्रिवेदी के पास गए। 

वहीं मोनिका ने पुलिस को बताया था कि आरती ने मनोज त्रिवेदी को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया तो टीआई ने उन्हें रोक दिया था। और उसे आरती द्वारा बनाए गए वीडियो की जानकारी थी। आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने पर त्रिवेदी की शिकायत भी हुई। जिसके बाद मनोज त्रिवेदी से पीसीसी ने इस्तीफा ले लिया जिसे तत्काल स्वीकार कर लिया गया था।

इस मामले को लेकर बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि मनोज त्रिवेदी कौन हैं जिन्हें पन्ना का प्रभारी बनाया है। क्‍या मानव तस्करी, देह व्‍यापार से इसका कोई कनेक्शन है? उन्होंने  कहा क‍ि जघन्य अपराध के अपराधी को प्रभारी बनाना बताता है क‍ि कांग्रेस अपराधियों को संरक्षण दे रही है कमलनाथ इस बात का जवाब दें। 

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