पटना : नीतीश-तेजस्वी की कैबिनेट का विस्तार हो गया है। महागठबंधन के 31 मंत्रियों ने आज शपथ ली है। इसके बाद विभागों का बंटवारा भी हो गया है। सरकार की चाभी सीएम नीतीश कुमार ने अपने पास रखी है। वहीं, सबसे ज्यादा निगाहें लालू यादव के दोनों बेटों पर टिकी हुई थी कि वह क्या विभाग अपने पास रखते हैं। तेजस्वी यादव के पास इस बार कई भारी भरकम मंत्रालय हैं। वहीं, तेजप्रताप यादव का कद इस बार घटा है। उनके पास एक ही मंत्रालय है। महागठबंधन की पिछली सरकार में उनके पास स्वास्थ्य मंत्रालय था। इस बार यह मंत्रालय उपमुख्यमंत्री और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव ने अपने पास रखा है।
दरअसल, 2015 में जब पहली बार महागठबंधन की सरकार बनी थी, तब तेजप्रताप यादव के पास स्वास्थ्य, लघु जल-संसाधन और पर्यावरण एवं वन विभाग था। इस बार उनके पास सिर्फ एक मंत्रालय है। तेजप्रताप यादव पर्यावरण एवं वन विभाग के मंत्री बने हैं। सूत्र बताते हैं कि तेजप्रताप यादव की चाहत थी कि उन्हें एक बार फिर से स्वास्थ्य मंत्रालय मिले। वहीं, विभागों के बंटवारे के बाद तेजप्रताप यादव की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
वहीं, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भारी भरकम मंत्रालय मिला है। इसमें स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास और ग्रामीण कार्य विभाग भी शामिल है। इन विभागों का भारी बजट भी होता है। पिछली सरकार में भी तेजस्वी यादव के पास पथ निर्माण विभाग था। इस दौरान उन्होंने सड़कों की स्थिति जानने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया था।
नई सरकार में आरजेडी ज्यादा ताकतवर है, इसके बाद लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के विभागों में कटौती की गई है। जानकार बताते हैं कि आरजेडी कोटे के मंत्रियों के विभाग का बंटवारा लालू यादव और तेजस्वी की मर्जी से ही हुआ है। ऐसे में यह फैसला आरजेडी का ही हो सकता है। वहीं, कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि तेजप्रताप यादव हमेशा विवादों में रहते हैं। इसकी वजह से कई बार परिवार और पार्टी असहज हो जाती है। शायद विवादों से बचने के लिए पार्टी की तरफ से उन्हें रनिंग विभाग नहीं दिया गया, जहां हर दिन नई चुनौतियां होती हैं।
तेजप्रताप यादव हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। परिवार से लेकर पार्टी तक में विवादों की वजह से ही चर्चा में रहते हैं। आरजेडी के कई कार्यकर्ताओं ने उन पर मारपीट का कथित आरोप तक लगाया है। इसके साथ ही तेजप्रताप भी कई बार परिवार से जुड़े और तेजस्वी के करीबियों पर आरोप लगा चुके हैं। बिहार में सभी लोग को इंतजार है कि तेजप्रताप यादव का अगला रूख क्या होता है।