शिवराज की ‘छुट्टी’… अब एमपी में संगठन की बारी? बीजेपी के केंद्रीय नेता ने दिए हिंट…

भोपाल: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान को पार्टी के संसदीय बोर्ड से हटा दिया है, यह संगठन में सर्वोच्चय निर्णय लेने वाला निकाय है। पार्टी के अंदरखाने यह चर्चा है कि संसदीय बोर्ड में किसी मुख्यमंत्री को नहीं रखना एक सोच-समझकर लिया गया फैसला है। चौहान का नाम पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति से भी गायब है। एमपी सीएम जब संसदीय बोर्ड के सदस्य थे, तब से वे सीईसी का हिस्सा थे। इस बार दोनों ही जगहों से गायब उनका नाम लोगों को चौंका रहा है।


शिवराज सिंह चौहान के संसदीय बोर्ड से बाहर होने की खबर ने एमपी के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह खबर उस वक्त आई थी, जब सीएम शिवराज सिंह चौहान पार्टी कार्यालय में हाल ही में संपन्न शहरी निकाय चुनावों की समीक्षा के लिए नेताओं और विधायकों के साथ बैठक में थे। राज्य के बीजेपी नेताओं ने संसदीय बोर्ड और सीईसी में नियुक्तियों को लेकर चुप्पी साध रखी है। हालांकि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने समझाया कि पार्टी के भीतर यह तय किया गया था कि किसी भी मुख्यमंत्री को संसदीय बोर्ड या सीईसी के सदस्य के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा।

वहीं, 11 सदस्यीय बोर्ड में एमपी से बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ सत्यनारायण जटिया को शामिल किया गया है। 76 वर्षीय जटिया अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। अभी उन्होंने सक्रिय राजनीति से लगभग सन्यास ले ली थी। अब वह खुद को केंद्रीय नेतृत्व और पार्टी के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय में हैं, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं।

दलित समाज से आते हैं जटिया
सत्यनारायण जटिया अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं और उज्जैन के पूर्व सांसद हैं। 1980 से 2044 के बीच इस सीट से सात बार चुने गए। वह नवंबर 1999 से अगस्त 2001 तक केंद्रीय श्रम-रोजगार और 2001-2001 तक केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थे। 2014-20 तक राज्यसभा में उनका कार्यकाल था। जुलाई 2019 में, पीएम मोदी की एक बच्चे के साथ खेलते हुए तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हुई थी। वह बच्ची सत्यनारायण जटिया की पोती थी। जटिया अपने परिवार के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मिलने गए थे।

वहीं, सत्यनारायण जटिया के पुनरुद्धार के बाद राज्य के वरिष्ठ बीजेपी केंद्रीय नेता ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य संगठन के नेतृत्व में और बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में पार्टी पहले से ही 2023 के विधानसभा को ध्यान में रखते हुए बदलाव कर रही है। छत्तीसगढ़ बीजेपी ने बुधवार को नारायण चंदेल को विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नामित किया, जो कि राज्य पार्टी अध्यक्ष की जगह लेने के बमुश्किल एक सप्ताह बाद है। इससे साफ है कि भगवा खेमा छत्तीसगढ़ में अगले चुनाव में नए चेहरों के साथ उतरना चाहता है।

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