भोपाल : एमपी में होने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस अब चुनावी मोड में आ चुकी हैं। इस बार कांग्रेस भी भाजपा की राह पर नजर आ रही है। जिस प्लान को लेकर भाजपा चुनाव से पहले काम करती हैं अब कांग्रेस ने भी उसी दिशा में काम करना शुरू कर दिया हैं।
कांग्रेस के इस प्लान पर पूर्व मंत्री विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने बयान दिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हो रहा है। कई जगह जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे और प्रदेश कार्यकारणी भी छोटी बनेगी। वहीं सामाजिक, धार्मिक, क्षेत्रीय समीकरण को साधते हुए कार्यकारणी बनाने में जुट गई है।
देखा जा रहा है कि कांग्रेस अब युवाओं को साधने के लिए कांग्रेस सभी जिलों में यूथ को ही जिला सह प्रभारी बना रही है। हालांकि इस बार के निकाय चुनाव में कांग्रेस ने ज्यादातर युवाओं को ही टिकट दिया है। जिसका फायदा भी देखने को मिला।
हालांकि सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जिन युवाओं और नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है अगर वह सही तरीके के से काम नहीं करेंगे या उनका काम बेहतर नहीं दिखेगा तो ऐसे जिला अध्यक्षों को हटाया भी जा सकता हैं।
दरअसल, राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है कि प्रदेश में जिस तरह की स्थिति बन रही है, उसमें 2023 में युवा टर्निंग पॉइंट रहेंगे। क्योंकि यूथ कांग्रेस के एक बूथ पर पांच यूथ अभियान फ्लॉप होने के बाद अब युवाओं को लेकर कांग्रेस ने बड़ा दांव चला है।
बता दें कि वर्ष 2020 के मध्य प्रदेश में राज्य कार्यकारिणी की एक बैठक हुई जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी मौजूद थे। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को लक्ष्य दिया था जिसमें संगठन को मजबूत करने के अलावा राज्य भर में 65000 से अधिक बूथ स्तरीय समितियों का गठन शामिल था। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने भूरिया को बूथ स्तरीय समितियां गठित करने के लिए एक माह का समय दिया था। इस अभियान को ‘एक बूथ पांच यूथ’ नाम दिया गया। लेकिन जमीन पर ऐसा नहीं दिखा।