अध्यक्ष पद देने की बातें चल रहीं! ‘कांग्रेस मुक्त’ गुलाम बोले, राहुल गांधी में राजनीतिक योग्यता ही नहीं…

नई दिल्ली: ऐसे समय जब कांग्रेस में नए अध्यक्ष के चुनाव की तैयारियां चल रही हैं, पार्टी का साथ छोड़ चुके गुलाम नबी आजाद के सवालों को पचा पाना गांधी परिवार के लिए भारी पड़ रहा है। उन्होंने सीधे तौर से राहुल गांधी की सियासत को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। दरअसल, गुलाम के जाते ही कांग्रेस के वफादार नेताओं ने उन पर हमले शुरू कर दिए तो वह भी शांत नहीं बैठे। 5 पेज के इस्तीफे में कांग्रेस की कमजोरी गिना चुके आजाद ने दो टूक कहा कि पिछले करीब 15 वर्षों से कांग्रेस वर्किंग कमेटी निरर्थक है। एक दिन पहले ही सीडब्लूसी की बैठक में अध्यक्ष के चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान किया गया। एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में गुलाम ने कहा कि राहुल गांधी एक अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन उनके पास राजनीतिक योग्यता नहीं है।

इंदिरा से लेकर राहुल की बात
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के समय मैं महासचिव और यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष था। उस समय संजय गांधी नहीं थे और राजीव गांधी राजनीति में नहीं आए थे। मैं एक दिन में 3 या 4 बार मिसेज गांधी से मिलता था। 1998 से 2004 तक सोनिया गांधी लगातार सीनियर लीडरों से मिलती जुलती रहती थीं। वह उन पर निर्भर रहती थीं। वह उनके सुझावों को स्वीकार करती थीं। वह जिम्मेदारी भी देती थीं। उन्होंने 8 राज्य दिए और मैंने सात राज्यों में कांग्रेस को जीत दिलाई। लेकिन राहुल गांधी के संसद पहुंचने के बाद 2004 से समन्वय, परामर्श के लिए मिसेज गांधी उन पर ज्यादा निर्भर रहने लगीं। जबकि उनके पास इसकी योग्यता नहीं थी। उनका मिलना जुलना भी कम हो गया क्योंकि वह चाहती थीं कि हर कोई राहुल गांधी से कोऑर्डिनेट करे। मंशा ठीक थी कि उन्हें अनुभव मिलेगा, वह काम को समझेंगे। जनवरी 2013 में जब मिसेज गांधी ने उन्हें उपाध्यक्ष बनाया तो करीब-करीब अध्यक्ष का पद उन्हें ही दे दिया। आजाद ने कहा कि उनकी सिफारिशें 9 साल से धूल खा रही हैं।

गुलाम ने आगे मुस्कुराते हुए कहा कि सभी मांओं के लिए उनके बच्चे कमजोरी होते हैं… सोनिया गांधी ने इस बात को नजरअंदाज किया कि राहुल गांधी क्या कर रहे हैं। भाजपा में शामिल होने की लगाई जा रही अटकलों पर आजाद ने कहा कि जब 23 नेताओं ने लेटर लिखा था तब भी ऐसी अफवाह उड़ाई गई थी। यही वजह है कि मैंने कहा है कि मैं अपनी पार्टी बनाऊंगा।

राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ का नारा उछालते हुए पीएम मोदी के खिलाफ अभियान छेड़ा था। इस पर गुलाम ने कहा कि हम पीएम का विरोध कर सकते हैं लेकिन चोर जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। गुलाम ने आगे कहा कि राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से एक अच्छे व्यक्ति हैं। वह हमेशा मेरे लिए सम्माननीय रहे हैं। लेकिन एक राजनेता के रूप में उनके पास कौशल नहीं है। वह हमेशा मेरे लिए सम्माननीय रहेंगे लेकिन उनके पास न तो राजनीति का कौशल है और न ही हार्ड वर्क का एप्टिट्यूड है।

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