भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर हमला बोला है कमलनाथ ने कहा कि एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट ने एक बार फिर शिवराज सरकार के तमाम दावों व सुशासन की पोल खोल कर रख दी है। मध्य प्रदेश जो मासूम बच्चियों से दुष्कर्म में वर्षों से देश में अव्वल है, उस पर लगा यह दाग अभी भी बरकरार है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक़ मध्यप्रदेश में औसतन हर 3 घंटे में एक मासूम बच्ची से दुष्कर्म की घटना घटती है, जो खुद को मामा कहलवाते हैं, यह उनकी सरकार की शर्मनाक वास्तविकता है। गौरतलब है कि एनसीआरबी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में देशभर में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के मामलें में मध्यप्रदेश अव्वल नंबर पर है वही सिर्फ बाल अपराध ही नहीं मध्य प्रदेश ट्राइबल और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले में भी पिछली बार की तरह इस बार भी मध्यप्रदेश पहले नंबर पर है।
कमलनाथ ने कहा कि इस रिपोर्ट के मुताबिक़ आदिवासी वर्ग और दलितों के खिलाफ अत्याचार में भी मध्यप्रदेश एक बार फिर देश में शीर्ष पर आया है। वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ मामलों में 9.38% की बढ़ोतरी हुई है। आत्महत्या के मामले में भी मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। यह शिवराज सरकार के पिछले 16 वर्षों के विकास, सुशासन के दावों की हकीकत है। आज मध्यप्रदेश में कोई भी वर्ग सुरक्षित नहीं है। मैं प्रारंभ से ही है कहता रहा हूँ कि आज प्रदेश में बहन- बेटियों को सबसे ज्यादा सुरक्षा व सम्मान की आवश्यकता है।
शिवराज जी की सरकार जनता को गुमराह करने के लिए इनका मंचों पर पूजन तो करती हैं लेकिन वर्षों से इन्हें सुरक्षा व सम्मान देने में यह सरकार पूरी तरह से असफल साबित हुई हैं। आज प्राथमिकता सुरक्षा व सम्मान होना चाहिये। शिवराज सरकार को इस रिपोर्ट के बाद अपनी नाकामी स्वीकारते हुए अविलंब प्रदेश की जनता से , बहन-बेटियों से माफी मांगना चाहिए व जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करना चाहिए और प्रदेश के माथे पर वर्षों से लगे इस दाग को धोने के लिये कड़े कदम उठाना चाहिये।
एनसीआरबी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में देशभर में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के 33036 मामले सामने आए। इनमें सिर्फ मध्य प्रदेश में ही बच्चियों से दुराचार के 3515 मामले दर्ज किए गए। जबकि कुल ज्यादती के मामलों पर गौर करें, जिनमें नाबालिग के साथ बालिग, बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें प्रदेश में 6462 केस रजिस्टर्ड हुए। सिर्फ बाल अपराध ही नहीं मध्य प्रदेश ट्राइबल और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले में भी पिछली बार की तरह इस बार भी अव्वल है। साल 2021 में यहां एससी/एसटी एक्ट के तहत 2627 मामले दर्ज हुए। ये 2020 की तुलना में करीब 9.38 फीसदी अदिक हैं। 2020 में 2401 मामले आए थे। दलितों से अत्याचार के कुल 7214 मामले दर्ज हुए।