इंदौर की 100 साल पुरानी परंपरा को बरकरार रखने का शिक्षित युवाओं ने लिया जिम्मा, हाथों में उठाए शस्त्र…

इंदौर। बीते 2 साल से कोरोना महामारी की वजह से इंदौर शहर में अनंत चतुर्दशी के दिन निकलने वाली झांकियां नहीं निकल पाई। लेकिन इस साल अनंत चतुर्दशी के दिन झांकियां निकाली जाएंगी। यह परंपरा सालों से चली आ रही है, जो इस साल की बरकरार रहेगी। इसको लेकर इंदौर के अखाड़ों में इन दिनों कुश्ती के दांवपेंच छोड़ पहलवान हाथों में तलवार और लाठी लिए शस्त्र कला लेकर अभ्यास कर रहे हैं ये सभी अनंत चतुर्दर्शी के दिन अपना कर्तव् दिखाएंगे।

इसकी परंपरा सालों से चली आ रही हैं। हालांकि ये परंपरा धीरे धीरे सिमट रही है लेकिन इसको बरक़रार रखने के लिए शिक्षित युवा आगे आ रहे हैं। अब शिक्षित युवा और महिलाऐं इस परंपरा से जुड़ रही है और शास्त्र कला क्क अभ्यास कर रही है। जानकारी के मुताबिक, अनंत चतुर्दशी के दिन इंदौर में चल समारोह यानी झांकी निकलने की परंपरा सालों पुरानी है। इसको करीब 100 साल से भी ज्यादा हो चुका है।

ऐसे में इस चल समारोह में अखाड़ों के शामिल होने की परंपरा भी सालों पुरानी है। इन अखाड़ों में करतब दिखाए जाते हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग इन अखाड़ों को देखने के लिए चल समारोह में आते हैं। इसको लेकर अभी से ही इंदौर प्रशासन जुट चुकी हैं। बता दें इंदौर की बड़ी ग्वालटोली में बिंदा गुरु और रामनाथ गुरु व्यायामशाला में युवाओं को शस्त्र कला सिखाते हैं। साथ ही रामनाथ गुरु व्यायामशाला इंदौर में महिला कुश्ती और शस्त्र कला के लिए सबसे ज्यादा जानी-मानी संस्था है।

इधर से नीलिमा और रेणुका बोरासी राष्ट्रीय कुश्ती स्पर्धा की पदक विजेता रह चुकी है। साथ ही नीलिमा कुश्ती पर केंद्र दंगल और सुल्तान जैसी फिल्मों में भी अपना अभिनय दिखा चुकी है। वहीं इस साल के लिए अनंत चतुर्दशी के दिन निकलने वाले चल समारोह में मध्य प्रदेश की कुश्ती अकादमी की प्रशिक्षक नीलिमा शामिल होगी। वह इंदौर आ चुकी हैं। खास बात ये है कि अभी नीलिमा के द्वारा इंदौर में करीब 50 से ज्यादा युवक-युवतियों को शास्त्र कला का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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