गुजरात क्यों गया सेमीकंडक्टर प्लांट? एकनाथ शिंदे से विपक्ष की मांग, महाराष्ट्र वापस लाओ…

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एकबार फिर विपक्ष के निशाने पर हैं। इस बार सेमीकंडक्टर संयंत्र को लेकर विपक्ष ने ऊपर कई आरोप लगाए हैं और उनसे जवाब मांगा है। असल में सेमीकंडक्टर संयंत्र गुजरात में स्थापित होने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा। उनसे पूछा है कि यह गुजरात में क्यों चला गया इसे महाराष्ट्र में वापस आना चाहिए।

सेमीकंडक्टर संयंत्र के गुजरात में स्थापित होने की घोषणा
दरअसल, वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन का 1.54 लाख करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर संयंत्र के गुजरात में स्थापित होने की घोषणा हुई है। कांग्रेस ने संयंत्र के स्थान परिवर्तन से कुछ ‘अपशगुन’ होने का आरोप लगाया, वहीं राकांपा ने कहा कि संयंत्र छीना गया है। राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि एक बड़ी परियोजना राज्य के हाथ से फिसल गयी और एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश चला गया।

‘लगभग तय था कि संयंत्र महाराष्ट्र में लगेगा’
उधर शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि जब महा विकास आघाड़ी सरकार सत्ता में थी तो परियोजना की पुरजोर वकालत की थी और लगभग तय हो गया था कि संयंत्र महाराष्ट्र में लगेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार निवेशकों का विश्वास खो चुकी है। इसलिए बड़ी परियोजनाएं यहां नहीं आ रहीं। ठाकरे ने कहा कि पूर्ववर्ती एमवीए सरकार कंपनी के साथ संपर्क में थी और इस साल जनवरी में उसके अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई थी। 

सरकार क्या कर रही थी- ठाकरे 
उन्होंने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार क्या कर रही थी? उद्योग मंत्री क्या कर रहे थे? मुख्यमंत्री कार्यालय ने 26 जुलाई को ट्वीट किया कि संयंत्र महाराष्ट्र में लगेगा। राकांपा नेता पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को राजनीतिक सभाओं से फुर्सत नहीं मिलती और गुजरात ने एक बार फिर महाराष्ट्र के मुंह से निवाला छीन लिया है। गुजरात चुनाव आ रहे हैं, ऐसे में महाराष्ट्र में भाजपा गुजरात के हितों का बचाव करती दिख रही है।

राज ठाकरे बोले- यह अच्छा संकेत नहीं
वहीं इस मामले में मनसे सुप्रीमो राज ठाकरे ने कहा कि इस बात की जांच की मांग की कि यह सौदा महाराष्ट्र के बजाय गुजरात में कैसे गया। महाराष्ट्र निवेशकों की प्राथमिकता थी लेकिन गुजरात तक पहुंचने वाला सौदा गंभीर है और अच्छा संकेत नहीं है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख ने ट्वीट किया कि हमें राजनीति से परे जाकर इस मुद्दे को देखना चाहिए।

बता दें कि वेदांता के अलावा दुबई की कंपनी नेक्स्टऑर्बिट और इजराइल की प्रौद्योगिकी कंपनी टॉवर सेमीकंडक्टर के एक संघ ने मैसूर में एक संयंत्र के लिए कर्नाटक सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। वहीं सिंगापुर की आईजीएसएस वेंचर ने अपनी सेमीकंडक्टर इकाई के लिए स्थान के रूप में तमिलनाडु को चुना है।

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