पणजी : गोवा में कांग्रेस के साथ ‘खेल’ हो गया है। 2019 के बाद एक बार फिर कांग्रेस में बड़ा विद्रोह हुआ और 8 विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसके साथ ही कांग्रेस के पास 3 विधायक ही बचे हैं। भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत भी शामिल हैं। कामत ने कहा कि उनसे ईश्वर ने कहा है कि वह राजनीति के मामले में चाहे जो फैसला लें, उनको समर्थन मिलता रहेगा। बता दें कि चुनाव से पहले कांग्रेस के उम्मीदवारों ने मंदिर, मस्जिद और चर्च में कसम खाई थी कि वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
दरअसल कांग्रेस इसी तरह के विद्रोह को 2019 में झेल चुकी है। इसलिए पार्टी फूंक-फूंककर कदम रख रही थी। उसने अपने उम्मीदवरों को ना सिर्फ कसम खिलाई थी बल्कि ऐफिडेविट पर साइन भी करवा लिए ते। कामत ने कहा, अपना मन बदलने से पहले मैं फिर भगवान की शरण में गया था।
कामत ने कहा, मैंने कसम खाई थी, मैं भी इंसान हूं और ईश्वर में आस्था रखता हूं। मैं फिर से भगवान के पास गया और कहा कि ऐसी-ऐसी परिस्थिति है, क्या करना चाहिए। इसपर भगवान ने कहा, तुम चाहे जो फैसला करो, मैं तुम्हारे साथ खड़ा हूं। माइकल लोबो से भी ऐसा ही सवाल किया गया लेकिन उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
जुलाई में भी विधायकों ने किया था प्रयास
बता दें कि जुलाई के महीने में भी विधायकों ने कांग्रेस से अलग होकर भाजपा में शामिल होने का प्लान किया था लेकिन उस समय बात बन नहीं पाई थी। कुछ विधायकों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। ऐसे में दल बदल कानून के दायरे में आने का डर था। मामले के जानकार लोगों का कहना है कि जुलाई के बाद भी कामत और लोबो ने अपनी कोशिश नहीं छोड़ी और वे भाजपा नेताओं से मिलने दिल्ली भी गए थे।
इसके अलावा जब कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ महंगाई को लेकर प्रदर्शन किया तब भी ये दोनों नजर नहीं आए थे। हालांकि कामत ने दिल्ली जाने की बात को खारिज किया है। स्थानीय मीडिया ने पैसेंजर लिस्ट छापकर कहा था कि कामत दिल्ली जाने वाले हैं।