अंचल में अवैध शराब का गोरखधंधा काफी समय से चल रहा है और जहरीली शराब के कारण कई लोगों की जान भी जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी संबंधित जिम्मेदारी आबकारी अधिकारियों पर कार्यवाही न होना यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं अवैध शराब को लेकर मिलीभगत का खेल चल रहा है।
भिण्ड जिले में हाल ही में रौन क्षेत्र के तहत जहरीली शराब पीने से हुई तीन लोगों की मौत के बाद भी आबकारी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। पुलिस के टीआई पर तो तत्काल गाज गिर गई और उनको थानों से हटा दिया गया, लेकिन आबकारी अधिकारी पर आखिर मेहरबानी क्यों बनी हुई है। उपायुक्त आबकारी के पास दोनों संभागों की जिम्मेदारी होने के बाद भी वह शायद ही क्षेत्र में निकलकर गए हों, क्योंकि वह सिर्फ डमी के तौर पर ग्वालियर कार्यालय में बैठे रहते हैं और संभागों की जिम्मेदारी अपने चहेतों के जिम्मे छोड़ रखी है। अब सवाल यह है कि जिस विभाग की जिम्मेदारी है उसके अधिकारियों पर मेहरबानी क्यों बनी हुई है। विभागीय सूत्र का कहना है कि भिंड की ग्वालियर डिस्टलरी के मालिकों और आबकारी अधिकारियों की साजिश का ही नतीजा है कि भिंड में अवैध रूप से जहरीली शराब बिक रही है।